Video: बिहार के इस जिले के लोग मानते हैं सबसे अनोखी होली, पिछले 15 वर्षों से निभा रहे परंपरा
Video: होली पर सभी लोग अपने करीबियों को रंग गुलाल लगाकर पर्व की खुशियां मना रहे हैं. वहीं बिहार के बगहा में पर्यावरण प्रेमियों ने होली को अनोखे तरीके से मनाकर मिसाल पेश की है. उन्होंने पेड़-पौधों के साथ होली खेलकर लोगों को उनके महत्व के बारे में समझाया. उनका कहना है कि पेड़-पौधे हैं, तभी हम हैं. उनकी वजह से ही हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं.
By Paritosh Shahi | March 13, 2025 5:36 PM
Video, चंद्रप्रकाश आर्य: पश्चिम चंपारण के बगहा में होली का एक अलग रंग देखने को मिला. यहां पर्यावरण प्रमियों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आईपीएस विकास वैभव चौराहा पर पेड़-पौधों की पूजा की, फिर रंग-बिरंगे गुलाल लगाकर उनके प्रति अपना प्रेम-भाव प्रकट किया. पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़-पौधों के साथ कई वर्षों से होली पर्व पर पेड़ पौधे के साथ होली खेलते आ रहे हैं और उनके संरक्षण को लेकर पूजा भी करते हैं.इस दौरान पर्यावरण प्रेमियों में सामाजिक कार्यकर्ता प्रबुद्ध नागरिक एवं ग्रामीण महिला पुरुष बढ़ चढ़ शामिल होते है.बगहा में पेड़-पौधों संग होली: पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव के नेतृत्व में बच्चे, नौजवान और बुजुर्गों ने ढ़ोल-नगाड़ा के साथ बगहा के पिपरा गावं स्थित आईपीएस विकास वैभव चौराहा पहुंचे, जहां पेड़-पौधों की पूजा की. वहीं उसके पेड़-पौधों को अबीर, गुलाल लगाकर, उनसे गले मिले और उनके प्रति आभार जताया. उनका मानना है कि पेड़ हैं, तभी सभी लोग जीवित हैं. इस दौरान सभी ने पेड़ संरक्षण करने का संकल्प भी लिया.
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
सभी ने धूमधाम से पेड़-पौधों के साथ होली मनाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. दरअसल दिल के मरीज पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव करीब डेढ़ दशक से पेड़ पौधों के साथ सभी पर्वों को मनाते आ रहे हैं. वह होली के दिन पेड़ों को गुलाल लगाते हैं तो दीवाली के दिन दीप जलाकर और रक्षा बंधन पर्व के दिन राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं. उनके इस मुहीम की स्थानीय लोग भी सराहना करते हैं. पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने कहा, “ये पेड़-पौधे हमारे लिए प्राणदायिनी हैं. इनसे शुद्ध ऑक्सीजन मिलता है, जो हमें जीवन देता है. इसलिए इन पेड़ पौधों का संरक्षण करते हुए इनके साथ सभी पर्वों को मनाता हूं. लोगों से निवेदन है कि वृक्षों को बचाएं और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं.”
पिपरा निवासी गजेंद्र यादव पिछले एक दशक से दस लाख से अधिक वृक्षों को लगाकर कृतिमान स्थापित कर चुके हैं. गजेंद्र को सूबे की सरकार ने सम्मानित भी किया है. उनकी पर्यावरण संरक्षण की मुहीम रंग ला रही है. जिस तरह मां अपने बेटे को प्यार करती है, वैसे ही गजेंद्र पेड़-पौधों से प्यार करते हैं. बता दें कि वह दिल के मरीज हैं और पेड़-पौधों को ही अपना परिवार मानते हैं. उन्होंने अपना पूरा जीवन वृक्षों के लिए समर्पित कर दिया है.