कारण, दुबारा ट्रेन गुजरने के बाद ही रेल फाटक खुल पाता है. इस बीच जाम में वाहनों की संख्या बढ़ती ही चली जाती है. यूं तो दरभंगा जंक्शन पर प्रवेश से पूर्व लगे सिग्नल के लाल रहने के कारण कोई भी गाड़ी खड़ी हो जाती है, लेकिन सुबह करीब सवा सात बजे पटना से आने वाली इंटरसिटी प्राय: नित्य यहां रुक जाती है. काफी देर तक खड़ी रहने के बाद जंक्शन की ओर बढ़ती है.
इस वजह से राहगीरों को रोजाना समस्या झेलनी पड़ती है. उल्लेखनीय है कि दोनार और म्यूजियम रेल फाटक के बीच जंक्शन का आउटर सिग्नल लगा है. सिग्नल के जरिए लाइन क्लियर नहीं होने पर स्वाभाविक रूप से चालक ट्रेन को रोक देते हैं.
आउटर सिग्नल एवं दोनार रेल फाटक के बीच फासला इतना कम है कि ट्रेन की कुछ बोगियां गुमटी से दक्षिण ही रह जाती है. ऐसा प्राय: नित्य होता है. जिस गति से यह गाड़ी लहेरियासराय की ओर से आती है तो ऐसा लगता है मानो चंद पल में ही गुमटी से गुजर जायेगी और फाटक खुल जायेगा, लेकिन बीच में ही ट्रेन को रोक देना पड़ता है.