Darbhanga News: दरभंगा. यूं तो मिथिला में पंच देवोपासना की परंपरा रही है, लेकिन परिचय शिव और शक्ति उपासना को लेकर है. स्वाभाविक रूप से शिवोपासना का महीना सावान प्रारंभ होने से शिव भक्तों का उत्साह परवान चढ़ा हुआ है. देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना के लिए आतुर नजर आ रहे हैं. शिवालयों से लेकर श्रद्धालुओं के घर तक जोर-शोर से इसकी तैयारी चल रही है. बता दें कि शुक्रवार 11 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है. आगामी माह अगस्त की नौ तारीख को पूर्णिमा के साथ यह महीना समाप्त होगा. इस दौरान घर से लेकर मंदिरों में जगह-जगह विशेष अनुष्ठान की तैयारी है. सावन के महीने को देवाधिदेव महादेव का सबसे प्रिया मास कहा गया है. इस दौरान विशेष तौर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की परंपरा है. वैसे तो पूरे सावन में अनुष्ठान का दौर चलता रहता है, किंतु इस महीने की सोमवारी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. वांछित फल की प्राप्ति के लिए गंगाजल, गाय के दूध, दही, शहद सहित शास्त्रीय विधान के अनुरूप अन्य सामग्री से रूद्राभिषेक भी करते हैं. लिहाजा विशेषकर सोमवारी पर शिवालयों में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ता है. इस बार चार सोमवारी है. पहली सोमवारी 14 जुलाई को है. इस दिन श्रद्धालु उपवास भी रखते हैं. इसमें लड़कियों की संख्या अधिक रहती है. बेलपत्र, गंगाजल, धतूरे के फूल से पूजन का विशेष महत्व कहा गया है. वहीं कांवर यात्रा कर पूजन का विशेष फल कहा गया है. यही कारण है कि वैद्यनाथ धाम से लेकर कुशेश्वरस्थान, देकुली धाम, कपिलेश्वर स्थान सहित माधवेश्वर महादेव, पंचानाथ, हजारीनाथ, केएम टैंक सहित तमाम शिवालयों में सोमवारी पर जलाभिषेक के भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है. इस बार एक सप्ताह पहले से ही इन सबकी तैयारी चल रही है. शिव की नचारी, महेशवाणी सरीखे गीतों के बोल अभी से वातावरण में भक्ति रस की मिठास घोल रहे हैं. श्रद्धालु समाज भगवान शिव के रंग में रंगने लगा है.
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