Darbhanga News: बहादुरपुर. तेज धूप व उमस भरी गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है. इसी तरह मौसम का मिजाज रहा तो खरीफ के तहत विभिन्न फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद जतायी जा रही है. सूख रहे धान के बिचड़ा को बचाने के लिए किसानों को इलेक्ट्रॉनिक बोरिंग से पटवन करना पड़ रहा है. वहीं जिन किसानों का बिचड़ा तैयार हो चुका है, वे जैसे -तैसे पटवन कर रोपनी करा रहे हैं. हालांकि रोपनी वाले खेतों में भी पानी के अभाव में दरारें फटने लगी है. पिड़री के जंगी यादव, नागेंद्र यादव, खैरा के विजय सिंह, दिलीप सिंह, कृष्ण मोहन सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य किसानों ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धान का बिचड़ा बचाने के लिए लगातार पटवन करना पड़ता है. बिचड़ा तैयार हो चुका है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण रोपनी शुरू नहीं हुई है. राज्य सरकार व कृषि विभाग भी किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. कृषि विभाग के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों में 90 प्रतिशत धान का बिचड़ा लगाया जा चुका है. बिचड़ा का लक्ष्य दस हजार 234 हेक्टेयर है. इसमें से अभी तक 92 हजार 15 हेक्टेयर में लगाया जा चुका है. इसी प्रकार विभिन्न प्रखंडों में रोपनी का लक्ष्य एक लाख दो हजार 343 हेक्टेयर में से केवल 3482 हेक्टेयर में की जा सकी हे. उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग ने खरीफ के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों के लिए धान, मक्का, मरुआ, तेलहन, दलहन सहित अन्य फसलों का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. इसके तहत विभिन्न फसलों के लिए एक लाख दस हजार 362.83 हेक्टेयर में अच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें धान एक लाख दो हजार 343 हेक्टेयर में अच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसी प्रकार मक्का 1763 हेक्टेयर में, मरुआ 1930 हेक्टेयर, अरहर 845 हेक्टेयर, दलहन 274 हेक्टेयर, उड़द 59 हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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