Darbhanga News: सदर. इस वर्ष गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. तापमान में लगातार वृद्धि व दिनभर लू के थपेड़ों ने जनजीवन को प्रभावित किया है. आम जनता से लेकर पशु-पक्षी तक इस तीखी धूप व जलसंकट की मार झेल रहे हैं. स्थिति आपदा का रूप ले चुकी है. प्रखंड में 23 पंचायतें हैं. इनमें सौ से अधिक गांव हैं. इन सभी गांव-टोले में सामान्य चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. वहीं कमला, जीवछ, बागमती सहित अन्य नदियों की उपधाराएं सूखी पड़ी हैं. गांव के तालाब व कुआं सूख चुके हैं. सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट नल-जल का समुचित लाभ अधिकांश लोगों को नहीं मिल रहा है. सुबह से ही सूरज आग बरसाना शुरू कर देता है. न चढ़ते-चढ़ते हालात असहनीय हो जाती है. गर्म हवा शरीर को झुलसाने लगती है. लोग घर से निकलने से कतराते हैं. दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है. मजदूर, दुकानदार, खेतिहर किसान घरों में दुबकने को मजबूर हो गये हैं. इस बीच पेयजल की समस्या विकराल होती जा रही है. गांवों में पानी की भारी किल्लत हो गयी है. जानवर व पक्षी भी पानी के लिए तड़प रहे हैं. जल संकट और भीषण गर्मी ने खेती-किसानी को भी पूरी तरह प्रभावित कर रखा है. फसलें सूखने लगी हैं. किसान निराश व हताश हैं. इंसानों के साथ पशु-पक्षी भी इसके शिकार हो रहे हैं. बेजुबान जानवर गर्मी से बेहाल मारे-मारे फिर रहे हैं.
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