Darbnahga News: दरभंगा. महात्मा गांधी कॉलेज में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ सुरेन्द्र प्रसाद गांई लिखित पुस्तक “अमन की आस ” के लोकार्पण के मौके पर लनामिवि के पूर्व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाकर पाठक ने कहा कि ””””””””हर अक्षर मंत्र और हर व्यक्ति योग्य होता है, किंतु योग्य संयोजन से ही उसकी सार्थकता सिद्ध होती है. पुस्तक की समीक्षा करते हुए लनामिवि के पीजी हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ उमेश उत्पल ने इसे यथार्थ और कल्पना का सम्मिश्रण माना. डॉ गजेंद्र भारद्वाज ने इसे डॉ गांई की स्वानुभूति और अविस्मरणीय बतलाया. डॉ राम विनोद सिंह ने हिंदी की व्यवहार्यता, व्यापकता और आवश्यकता पर बल दिया. डॉ देवेंद्र कुमार दास ने पुस्तक को जनोपयोगी बताया. डॉ गांई ने मौके पर दो कविता का पाठ किया. इससे पहले समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन, संजना ठाकुर की सरस्वती वंदना और ओम प्रकाश स्वर्णकार के वैदिक मंत्र पाठ से हुआ. संचालन डॉ आशुतोष कुमार वर्मा और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ राधे कृष्ण प्रसाद ने किया.
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