Darbhanga News: सदर. मानसून की बेरुखी से क्षेत्र के किसानों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जुलाई माह बीतने को है, लेकिन अभीतक एक दिन भी जोरदार बारिश नहीं हुई है. खेत सूखे पड़े हैं. धान की बोआई ठप है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. भू-गर्भीय जलस्तर भी नीचे जा चुका है. इससे खेतों की सिंचाई और भी कठिन हो गयी है. नमी के अभाव में किसान बिचड़ा भी नहीं गिरा पाये हैं. थोड़े-बहुत खेतों में बिचड़ा गिराया भी था, जो पानी के अभाव में मुरझाने लगा है. किसान रामप्रवेश यादव कहते हैं कि अब तो आसमान ही आखिरी उम्मीद है. खाद-बीज में उधारी कर ली है, लेकिन पानी नहीं होने से कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं. विभाग की ओर से न तो कोई वैकल्पिक योजना सामने आयी है और न ही सिंचाई की कोई व्यवस्था ही जा रही है. नहरों में पानी नहीं है और न ही सरकारी पंप चालू हैं. जिन किसानों के पास निजी समरसेबुल या डीजल पंप हैं, वे डीजल के दाम से परेशान हैं. अधिकांश किसान आर्थिक तंगी के कारण वैकल्पिक सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. इधर मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में हल्की-फुल्की बारिश की संभावना जतायी गयी है, लेकिन वह भी धान की बोआई के लिहाज से पर्याप्त नहीं मानी जा रही है. आने वाले सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इस वर्ष धान की फसल बुरी तरह प्रभावित होगी.
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