Darbhanga News: बिरौल. जनता कोशी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर प्रेमचंद के साहित्य में दलित जीवन और चिंतन विषयक विचार संगोष्ठी आयोजित की गई. इसमें महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ सूर्य नारायण पांडे ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रेमचंद ने अभिजात्य साहित्य की धारा को तोड़ते हुए दलित वर्ग को मुख्यधारा में स्थान दिया. उन्होंने सद्गति और ठाकुर का कुआँ जैसी कहानियों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रेमचंद का साहित्य सामाजिक न्याय की नींव है. बीज वक्तव्य में हिन्दी विभाग के डॉ राम शेख पंडित ने कहा कि प्रेमचंद के लेखन में डॉ अम्बेडकर के विचार और गांधी से रचनात्मक टकराव की झलक मिलती है. संचालन डॉ शंभु पासवान ने किया. मौके पर डॉ आबिद करीम, डॉ शारदा देवी, डॉ गोपाल कुमार, डॉ प्रियंका, डॉ राधा, डॉ दिलीप कुमार, डॉ शिवकुमार व डॉ आरती ने भी प्रेमचंद की बहुआयामी दृष्टि पर विचार रखे.
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