Darbhanga News: दरभंगा. साइबर फ्रॉड कर तत्काल आरक्षण में सेंधमारी पर नकेल कसने के लिए रेलवे ने नियम में संशोधन किया है. इस नियम के अनुसार, आधार नंबर पर रिजर्वेशन के दौरान आने वाले ओटीपी के सत्यापन पश्चात ही बर्थ आरक्षित हो सकेगा. गत एक जुलाई से नियमों में किए गए फेरबदल के तहत ऑनलाइन टिकट बुक करने पर आधार आधारित ओटीपी सत्यापन के बाद ही बर्थ बुक किए जाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है. आने वाले 15 जुलाई से रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर भी यह नई व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी, लिहाजा तत्काल आरक्षण लेने वालों को अब आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल साथ रखना होगा. बुकिंग काउंटर पर तैनात रेलवे का कर्मी तत्काल आरक्षण टिकट बनाते समय यात्री से उनके मोबाइल पर आने वाले आधार आधारित ओटीपी पूछेंगे. ओटीपी सत्यापन के बाद ही टिकट बुक हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि अचानक यात्रा करने वाले रेल यात्रियों के लिए महकमा ने तत्काल आरक्षण की व्यवस्था कर रखी है. इसके तहत लंबी दूरी की तमाम गाड़ियों में सामान्य अग्रिम आरक्षण के लिए निर्धारित बर्थ के अलावा तत्काल कोटे के लिए तय संख्या में निर्धारित रहता है. पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर यात्री को तत्काल आरक्षण का लाभ मिलता है. रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर के अलावा ऑनलाइन भी इसकी बुकिंग होती है. यात्रियों की डिमांड को देखते हुए साइबर फ्रॉड कर तत्काल रिजर्वेशन के अधिकांश बर्थ अवैध तरीके से बुक कर मजबूर यात्रियों से मनमाने तरीके से पैसे की वसूली करते हैं. इस पर लगाम लगाते हुए यात्रियों को अधिक से अधिक इस व्यवस्था का लाभ देने के लिए रेलवे ने तत्काल आरक्षण के अपने पुराने नियम को संशोधित किया है. फर्जीवाड़े पर कसेगा नकेल वैसे तो रेलवे ने यात्रियों को ही इस व्यवस्था का लाभ देने के लिए सख्त नियम बना रखे थे. अधिकृत एजेंट को शुरुआती 30 मिनट लिंक नहीं मिलता था, लेकिन यात्रियों के लिए सीधे ऑनलाइन रिजर्वेशन को लेकर प्राइवेट आइडी के जरिए टिकट बुकिंग की सुविधा ने फर्जीवाड़े का रास्ता दे रखा था. अवैध तरीके से कुछ खास सॉफ्टवेयर के माध्यम से चंद सेकेंड में ही अधिकांश टिकट बुक कर लेते थे. इतना ही नहीं सामान्य नाम से भी रिजर्वेशन टिकट बनाकर उसे कई गुना अधिकरण लेकर टिकट बेच दिया करते थे. वही तत्काल आरक्षण के लिए घंटों कतार में खड़े रहकर रतजगा करने की सामान्य लोगों की परेशानी को देखते हुए रेलवे के आरक्षण काउंटर पर भी दलाल सक्रिय रहते थे. इस नए नियम से काफी हद तक इन फर्जीवाड़ों पर लगाम लगने की उम्मीद है. आधार आधारित ओटीपी सत्यापन अनिवार्य किए जाने से निश्चिततौर पर यात्रियों को अधिक से अधिक लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है. अधिकृत एजेंटों के लिए भी ओटीपी सत्यापन अनिवार्य 15 जुलाई से पीआरएस (कंप्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली) काउंटरों अथवा अधिकृत एजेंटों के माध्यम से तत्काल टिकट बुकिंग केवल उस स्थिति में ही की जा सकेगी, जब उपयोगकर्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए सिस्टम जनित ओटीपी के माध्यम से उसकी पहचान प्रमाणित हो जाए. आइआरसीटीसी के टिकट एजेंटों पर समय सीमा प्रतिबंध भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकट एजेंटों को तत्काल टिकट बुकिंग खुलने के पहले 30 मिनट तक बुकिंग करने की अनुमति नहीं होगी. इसके अनुसार, एयर कंडीशंड (एसी) श्रेणियों के लिए सुबह 10 बजे से 10.30 बजे तक एजेंट बुकिंग नहीं कर सकेंगे. वहीं नॉन-एसी श्रेणियों के लिए सुबह 11 बजे से 11.30 बजे तक एजेंटों को बुकिंग से प्रतिबंधित किया गया है. वैसे एजेंटों के लिए यह प्रतिबंध पहले से ही बहाल है.
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