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Darbhanga News: हर महायुद्ध के पीछे नारी शक्ति का अपमान

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Darbhanga News: हर महायुद्ध के पीछे नारी शक्ति का अपमान

Darbhanga News: दरभंगा. मातृशक्ति से ही समाज का कल्याण संभव है. हम सभी माता-बहनें समाज कल्याण के लिए संकल्पित हों तो भव्य राष्ट्र का निर्माण कर अपनी भूमिका को सार्थक कर सकते हैं. यह बात प्रो. इंदिरा झा ने कही. वे सोमवार को एमएमटीएम कॉलेज में आयोजित जानकी सम्मेलन में उद्घाटन भाषण कर रही थी. कहा कि इस तरह के आयोजनों से यदि एक सुंदर समाज के निर्माण का भाव ग्रहण करते हैं, तभी यह सार्थक हो सकेगा. आयोजन को उन्होंने मिलन समारोह की संज्ञा देते हुए कहा कि माता-बहनों के एकत्र होकर जुड़ने से एक नई ऊर्जा का संचार होता है. कहा कि आज तक जितने भी महायुद्ध हुए हैं, उसकी जड़ में नारी शक्ति का अपमान रहा है. यही कारण है कि सीता, श्रीराम के साथ वन गईं, ताकि रावण का संहार किया जा सके. यदि वह वन नहीं जातीं और रावण द्वारा उनका हरण कर नारी शक्ति का अपमान नहीं होता तो आततायी का संहार नहीं हो पाता. समाज में यह प्रचलित है कि राम ने बाद में उनका परित्याग किया. किंतु, सच्चाई यह है कि राम और सीता राजमहल में अपने संतान का पालन-पोषण नहीं चाहते थे.

अपने हृदय में सीता को रखें- सुनीता

सुनीता झा ने कहा कि अपने हृदय में सीता को रखें. सभी से धर्म पालन और सनातन की रक्षा के लिए संकल्पित होने का आग्रह किया. बच्चों को मैथिली में बात करने के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया. भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री मीना झा ने महिलाओं से सीता की प्राकट्यस्थली पुनौराधाम चलने को कहा.

परंपरानुसार बांटा गया तेल सिंदुर

सम्मेलन में माता-बहनों के बीच परंपरानुसार तेल-सिंदूर बांटा गया. साथ ही खोइछा भी दिया गया. इससे पूर्व शिवधनुर्धारिणी वीर माता सीता के चित्र एवं मूर्ति पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करने के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन हुआ.

सजी गीत-संगीत की महफिल

सम्मेलन में गीत-संगीत की महफिल भी सजी. अनुपमा मिश्र ने ””””””””मिथिलाकेर धिया सिया जगत जननि भेली धरणी बनल सुर धाम है”””””””” गीत गायन से कार्यक्रम का आरंभ की. नीतू झा के स्वागत भाषण से आरंभ कार्यक्रम में डॉ सुषमा झा ने ””””””””छोटी सुकुमारी सिया के नामी नामी केसिया, केसिया में हीरा-मोती हार हे”””””””” का गायन की. वंदना चौधरी ने ””””””””अपना सिया सुकुमारी के झुलाउ पलना””””””””, विभा झा ने ””””””””हम छी सीता हमर ई जनक नगरी, नीतू झा ने ””””””””सुनू सुनू सुनू सिया प्यारी हे, जनक के दुलारी हे”””””””” गीत प्रस्तुत की. मुन्नी मधु कविता पाठ की.

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