दरभंगा. बदन झुलसाती तीखी धूप से बेजार आमजन को रविवार की सुबह से ही राहत मिलने लगी थी. शाम ढलते-ढलते नजारा बदल गया. आसमान स्याह बादलों से ढक गया. शाम से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने रात में तेज आंधी के साथ बौछार का रूप धारण कर लिया. तापमान का पारा नीचे लुढ़क आया. मौसम कूल-कूल हो गया. हालांकि झमाझम बारिश ने जलजमाव की समस्या खड़ी कर दी. सोमवार की सुबह वीआइपी रोड से लेकर दरभंगा-लहेरियासराय मुख्य पथ व ललित नारायण मिश्र पथ पर जगह-जगह जलजमाव का नजारा दिखा. दरभंगा जंक्शन के समीप म्यूजियम गेट के सामने पानी जमा हो गया. कुछ ऐसा ही दृश्य दोनार रेल फाटक के पूरब की सड़क पर भी दिखा. जीएन गंज की सड़क से लेकर उर्दू मोहल्ले की सड़क पानी में डूबी रही. हालांकि दोपहर बाद धीरे-धीरे पानी निकल गया. बताया जाता है कि जलजमाव की समस्या की सबसे बड़ी वजह सड़क में चल रहे सड़क व नाला निर्माण है. अधूरे निर्माण की वजह से पानी जमा हो गया. डीएमसीएच परिसर का भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा.
सामान्य से 10.3 डिग्री नीचे आ गया उच्चतम तापमान
डीएमसीएच परिसर में जलजमाव से मरीज व परिजन परेशान
रविवार की रात व सोमवार की सुबह हुई बारिश से डीएमसीएच परिसर पानी-पानी हो गया. जलजमाव के कारण मरीज व परिजनों को आवागमन में दिक्कत हुई. खासकर ओपीडी व आपातकालीन विभाग से लंबे इंतजार के लिये मेडिसिन व इएनटी वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान ट्रॉली मैन को काफी परेशानी उठानी पड़ी. वहीं अस्पताल अधीक्षक कार्यालय, मेडिसिन, शिशु व विभागीय परिसर में जलनिकासी नहीं होने से घंटों जलजमाव के कारण समस्या हुई. मेडिसिन विभाग में इलाजरत मिर्जापुर निवासी सोहन सिंह, लहेरियासरास निवासी मो. मुतर्जा, सीतामढ़ी निवासी पंकज कुमार ने बताया कि थोड़ी सी बारिश में ही डीएमसीएच मे जल जमाव हो जाता है. इस कारण परिजनों को दवा व अन्य कार्य के मद्देनजर बाहर जाने में काफी दिक्कत होती है. यह समस्या वर्षों से देख रहे हैं. अब तक इसका समाधान नहीं हो सका.
वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना जलनिकासी का मार्ग कर दिया बंद
वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना बुडको के नाला निर्माण का खामियाजा डीएमसीएच परिसर व जुड़े अन्य वार्डवासियों को जूझना पड़ा. मानसून पूर्व निगम द्वारा शुरू किए गए नाला उड़ाही का फायदा होता भी नहीं दिखा. डीएमसीएच रोड में नाला निर्माण बुडको कर रहा है. निर्माण स्थल से पहले पानी निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना निकासी का मार्ग अवरुद्ध कर दिया गया. नतीजतन मानसून की पहली बौछार में ही लोगों को समस्या झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा. नगर निगम ने जेसीबी व मजदूर की मदद से नाला चीर जलनिकासी शुरू किया.
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