Darbhanga News: पुरुषोत्तम चौधरी, बहादुरपुर. तीखी धूप एवं उमस भरी गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश भी नहीं हो रही है. भू-गर्भीय जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है. तालाबों में पानी कम होता जा रहा है. बदन झुलसाने वाली धूप के साथ तापमान का पारा काफी ऊपर रहने के कारण तालाबों का पानी जल्द ही गर्म हो जाता है. इस वजह से पानी का ऑक्सीजन लेबल घटने लगा है. इस कारण मछली संक्रमित होकर मरने लगी हैं. मछली पालक किसान लगातार बोरिंग से पानी दे रहे हैं, लेकिन तेज धूप के कारण स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है. मत्स्य विभाग के अनुसार, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार लघु एवं सीमांत तालाब हैं. इसके तहत जिले में 88.28 हजार मिट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है. इसी तरह मौसम का मिजाज रहा तो आने वाले समय में मछली व मखान उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ने की पूरी आशंका है. जानकार बताते हैं कि तालाबों में पानी का स्तर चार से पांच फीट रखने की जरूरत है. इससे पानी का स्तर संतुलित रहता है. 30 से 45 दिनों पर चार सौ ग्राम प्रति एकड़ की दर से पोटेशियम परमैग्नेट का छिड़काव अति आवश्यक है, इससे मछली को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है.
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