Darbhanga News: दरभंगा. मिथिला लेखक मंच के तत्वावधान में रविवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता करते हुए उदय शंकर मिश्र ने कहा कि मैथिली साहित्य में साहित्यकार तस्लीमा नसरीन की तरह की रचना नहीं होती. सच्ची बात लिखने से लोग डरते हैं. वहीं साहित्यकार चंद्रेश् ने कहा कि यात्री, राज कमल, सोमदेव, कीर्ति नारायण मिश्र व मैथिली पुत्र प्रदीप ने अपनी रचनात्मक गतिविधियों से समाज में हलचल पैदा की, पर यहां की सोयी जनता में आंदोलन का संचार नहीं हो पाया. डॉ उषा चौधरी ने कहा कि मैथिली साहित्य धीरे-धीरे विश्व साहित्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, पर अन्य विकसित भाषाओं की तरह विकसित किया जाना हमलोगों का लक्ष्य है. इस अवसर पर डाॅ विजय शंकर झा, सुभाष कुमार, संतोष कुमार, अभिषेक कुमार, डाॅ विजय कुमार यादव आदि उपस्थित थे.
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