कमेटी गठन करने की उठी मांग
विभाग की ओर से भेजे गये पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि इइएसएल की कमियों को दर्शाने के लिए निगम से एक कमेटी का गठन किया जाये. कमेटी की रिपोर्ट आने और इइएसएल के पुराने भुगतान करने के बाद ही नयी एजेंसी का चयन किया जाये. इस प्रक्रिया में तीन-चार माह लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है. निगम से मिली जानकारी के अनुसार, बोर्ड की बैठक में हर बार पार्षद की ओर से लाइट बनाने की समस्या को उठाया जा रहा है. इसके बाद भी इसमें अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी है. वार्ड पार्षदों का कहना है कि मेयर व अधिकारी सिर्फ अब तक आश्वासन ही देते हैं. हर दिन लाइट बंद रहने की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं. कई वार्डों में पूरी लाइटें बंद हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड में आश्वासन दिया गया था कि जिस जगह पर जरूरत है वहां नयी लाइट भी लगायी जायेगी. लेकन, नयी लगाने की बात तो दूर, पुरानी भी नहीं बन पा रही है.
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निगम में लाइटों की संख्या
एजेंसी की स्ट्रीट लाइटें- 18585
निगम का स्ट्रीट लाइटें- 3100 लगभग
हाइमास्ट व मिनी मास्ट- 122 लगभग
खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटें- 4000
एक्स्ट्रा मिस्त्री रख कर कराया जायेगा काम
सहायक अभियंता सह लाइट प्रभारी नगर गौरव कुमार ने कहा कि आयुक्त के आदेश के बाद लाइट बनाने के लिए पांच एक्स्ट्रा मिस्त्री निगम में रखा जा रहा है. निगम की ओर से कोशिश की जा रही है कि शहर में खराब स्ट्रीट लाइटों को जल्द से जल्द बनवा दिया जाये. इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
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