पुलिस को सुबह मिली जानकारी
गांव में चौकीदार और जनप्रतिनिधि के घर पास में होने के बावजूद इस अमानवीय घटना की जानकारी थाने को करीब 12 घंटे बाद, रविवार सुबह नौ बजे मिली. थानाध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी ने बताया कि सूचना मिलते ही पहले चौकीदार को भेजा गया और फिर तुरंत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
पुलिस को भी घेरने की कोशिश
पुलिस के पहुंचते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को भी बंधक बनाने का प्रयास किया, लेकिन एएसआई कमल किशोर की सूझबूझ और अतिरिक्त पुलिस बल की मदद से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद वृद्ध व्यक्ति को मुक्त कराया गया. गंभीर रूप से घायल विशु मांझी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद मगध मेडिकल कॉलेज, गया रेफर कर दिया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है.
पुराने विवाद से जुड़ा मामला
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में भी मृतक किशोरी की बड़ी बहन की मौत हुई थी, तब भी विशु मांझी पर ही डायन-भूत का आरोप लगा था, लेकिन पंचायती में मामला शांत करा दिया गया था. गांव में चौकीदार, पूर्व मुखिया, वर्तमान पंचायत समिति सदस्य और पढ़े-लिखे लोग रहते हुए भी रातभर ऐसी घटना कैसे चलती रही, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी ने बताया कि मामले की जानकारी रविवार सुबह मिली. पुलिस ने वृद्ध को रेस्क्यू कर लिया है और उसे इलाज के लिए भेजा गया है. मृतक परिजनों ने किशोरी का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. जख्मी वृद्ध की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. गांव में तनाव को देखते हुए गश्ती बढ़ा दी गयी है.
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