21.81 करोड़ की लागत से होगा तैयार
कहा जा रहा है कि, यहां पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव मिलेगा. खबर की माने तो, लगभग 21.81 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना पर काम किया जा रहा है. वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से यह खास पहल मानी जा रही है. बता दें कि, इस पार्क में भारत का ताजमहल, ब्राजील की क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति, मिस्र के गीजा का पिरामिड, रोम का कोलोजियम, चीन की दीवार, जॉर्डन का पेट्रा और पेरू का माचू पिच्चू का मनोरम दृश्य देख पायेंगे. इससे पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगी ही. लेकिन, साथ में बोधगया का भी विकास होगा.
पर्यटन को बढ़ावा देना उद्देश्य
बोधगया की बात करें तो, यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन, पार्क का निर्माण होने से एक ही स्थान पर विश्व प्रसिद्ध स्थापत्य कला की झलक देखने कि लिए मिलेगी. इसका उद्देश्य बोधगया में पर्यटन को और समृद्ध करना है. बता दें कि, धार्मिक गतिविधियों के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में इस परियोजना को बच्चों और छात्रों के लिए भी शैक्षणिक दृष्टिकोण से फायदा वाला माना जा रहा है. दुनिया के 7 अजूबे एक ही जगह पर देख सकेंगे.
पर्यटकों को मिलेंगी ये सुविधाएं…
यहां सुविधाओं की बात करें तो, स्थल को सुंदर उद्यान, बैठने की व्यवस्था, सौर ऊर्जा से रोशनी, जल निकासी और स्वच्छता जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. होटल, गाइड, हस्तशिल्प और परिवहन जैसे क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को फायदा पहुंच सकेगा. खबर की माने तो, इस परियोजना पर काम शुरू होने के बाद करीब डेढ साल में इसे पूरा कर लेने का लक्ष्य तय किया गया है.
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