Bihar News: गया में एंबुलेंस न मिलने पर रेफर मरीज की मौत, ग्रामीणों का अस्पताल में हंगामा

Bihar News: गया में अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों व एंबुलेंस चालक की लापरवाही के कारण रमोली मंडल की जान चली गयी है.

By Anshuman Parashar | August 29, 2024 7:19 PM
an image

Bihar News: गया में अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों व एंबुलेंस चालक की लापरवाही के कारण रमोली मंडल की जान चली गयी है. मृत रमोली मंडल शेरघाटी थाना क्षेत्र के कमात गांव का रहनेवाला है. रमोली की तबीयत खराब होने पर बुधवार की रात करीब 9:00 बजे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती किया था. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने गया रेफर कर दिया.

पूर्व पंचायत समिति सदस्य ने क्या कहा

पूर्व पंचायत समिति सदस्य गरीबन मांझी ने बताया कि रमोली की तबीयत खराब होने पर बुधवार की रात करीब 9:00 बजे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती किया था. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने गया रेफर कर दिया. एंबुलेंस चालक से हम लोगों ने मगध मेडिकल अस्पताल गया चलने के लिए कहा, तो बोला कि एंबुलेंस का ब्रेक फेल है इसीलिए, नहीं जा सकते हैं. हालांकि, थोड़ी देर बाद चालक ने चार सौ रुपये की मांग की. कहा कि दीजिए, तो चलते हैं उन्होंने कहा कि मृतक के परिजन अत्यंत गरीब है. वे पैसे नहीं दे सके और इलाज के अभाव में बीमार रमोली मंडल रातभर अस्पताल में करा रहा है.

परिजनों ने क्या कहा

गुरुवार की सुबह में करीब 6:15 बजे उसकी मौत हो गयी. मौत की खबर सुनने के बाद परिजन व ग्रामीण अस्पताल पहुंचे. चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों के विरोध में अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गये. परिजन को उचित मुआवजे व दोषी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनका आरोप है कि अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सा मनमानी करते हैं. यहां रोगियों के इलाज में लापरवाही बरतते हैं. परिजनों की कभी नहीं सुनते हैं. यहां से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भेजने की होड़ मची रहती है. इसके लिए उन्हें पैसा मिलता है.

इस मामले में ग्रामीणों ने कहा

ग्रामीणों ने कहा कि दलित समझ बीमार का इलाज नहीं किया गया, इसीलिए दोषियों के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. ग्रामीणों ने कहा कि मृत रमोली मंडल घर का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था. इसके छोटे-छोटे पांच बच्चे हैं. इसके तीन लड़कियां व दो लड़के हैं. इसकी बुढ़ी मां 70 वर्षीय सत्या देवी भी अपने बेटे पर निर्भर हैं. अब उनकी मौत के बाद परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा और कौन करेगा. इधर, युवक की मौत के बाद पत्नी अनीता देवी व बुढ़ी मां सतीया देवी समेत परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है.

क्या कहते हैं थानेदार

शेरघाटी थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने दलबल के साथ पहुंचकर घटना का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि ग्रामीण मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. उन्हें समझा-बूझकर शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल गया भेज दिया गया है. परिजन व ग्रामीणों को सरकारी प्रावधान के अनुसार सहयोग का भरोसा दिलाया गया है.

Also Read: औरंगाबाद में नक्सली एरिया कमांडर करीमन गिरफ्तार, 4 जिलों में था आतंक

कर्मियों को अंदर जाने से रोका

परिजन व ग्रामीण अस्पताल के मुख्य द्वार पर शव रखकर धरना पर बैठ गये थे. इस कारण इलाज कराने लोगों को काफी परेशानी हुई. ग्रामीणों ने स्वास्थ्यकर्मियों को भी अस्पताल के अंदर जाने से रोक दिया. इस वजह से कई लोगों को बगैर इलाज कराये अस्पताल से लौटना पड़ा. इधर, तबस्सुम प्रवीण, महेंद्र कुमार, सूरज प्रसाद ने बताया कि एंबुलेंस चालक यहां से रेफर होने वाले रोगियों के परिजनों से पैसा वसूलता है. पैसा नहीं देन पर वे लोग जोर-जबरदस्ती भी करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

कहते हैं उपाधीक्षक

बुधवार की रात मरीज अस्पताल में आया था. उसकी स्थिति काफी गंभीर थी. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार किया. उसे रेफर कर दिया. लेकिन, परिजन उसे नहीं लेकर गये, जिससे उसकी मौत हो गयी. परिवार के लोग मुआवजे की मांग कर रहे थे. लेकिन, अस्पताल स्तर पर इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां गया न्यूज़ (Gaya News), गया हिंदी समाचार (Gaya News in Hindi),ताज़ा गया समाचार (Latest Gaya Samachar),गया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gaya Politics News),गया एजुकेशन न्यूज़ (Gaya Education News),गया मौसम न्यूज़ (Gaya Weather News)और गया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version