Crime News: मनोरमा देवी व बेटे को मिली जान से मारने की धमकी. जानें क्या है पटना कनेक्शन
Crime News पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी और उनके बेटे को मिले धमकी भरे पत्र में जिस सुशील कुमार नामक व्यक्ति का जिक्र है, उसका नाम, पता व मोबाइल फोन नंबर तीनों गलत पाया गया है.
By RajeshKumar Ojha | August 29, 2024 7:22 PM
Crime News गया शहर के एपी कॉलोनी मुहल्ले में रहनेवाली पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी व उनके बेटे राकेश रंजन उर्फ रॉकी यादव को जान से मारने की धमकी मिली है. इस बाबत पूर्व विधान पार्षद के बयान पर पटना के राजेंद्र नगर-बहादुरपुर-साकेतपुरी मुहल्ले के रहनेवाले सुशील कुमार के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसकी पुष्टि गुरुवार को रामपुर थानाध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह ने की है.
हालांकि, इस घटना को पुलिस के वरीय अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और उच्च स्तरीय जांच को लेकर एसएसपी आशीष भारती ने सिटी एसपी प्रेरणा कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया है. इस टीम में सिटी डीएसपी धर्मेंद्र भारती, रामपुर थानाध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह सहित टेक्निकल सेल के पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया है.
जानकारी के अनुसार, एपी कॉलोनी में रहनेवाली पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के घर पर 26 अगस्त की दोपहर करीब दो बजे पोस्टमैन पहुंचे. स्पीड डाक पोस्ट के माध्यम से आये दो पत्रों को पूर्व विधान पार्षद के आवास पर कामकाज करनेवाले कर्मचारी अजय शर्मा ने रिसीव किया. इसके बाद पूर्व विधान पार्षद के निजी सहायक शेरघाटी थाने के ढाब चिरैया गांव के रहनेवाले फुलेश्वर यादव के बेटे रवींद्र यादव ने दोनों लिफाफा खोला और दोनों पत्रों को पढ़ा. उस दोनों पत्रों में मनोरमा देवी व रॉकी यादव को जान से मारने की धमकी से संबंधित बातों का जिक्र था. पत्र भेजनेवाले का नाम पटना के राजेंद्र नगर-बहादुरपुर-साकेतपुरी मुहल्ले के रहनेवाले सुशील कुमार लिखा था.
पटना पहुंची विशेष टीम
एसएसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम घटना की छानबीन करने पटना पहुंची और छानबीन के दौरान पता चला कि धमकी भरा पत्र में जिस व्यक्ति ने चेतावनी दी है, उसका नाम, पता व मोबाइल फोन नंबर तीनों गलत निकला है. इसके बावजूद विशेष टीम घटना की छानबीन करते हुए पटना जीपीओ पहुंची, जहां से 24 अगस्त को दोनों पत्रों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पोस्ट किया गया है. वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुटी है. विशेष टीम उस व्यक्ति का चेहरा पहचान करने में जुटी है, जो 24 अगस्त को दोनों पत्रों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजने के लिए पटना जीओपी आया था.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
रामपुर थानाध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है. वह खुद इस केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर हैं. धमकी भरे पत्र में जिस सुशील कुमार नामक व्यक्ति का जिक्र है, उसका नाम, पता व मोबाइल फोन नंबर तीनों गलत पाया गया है. लेकिन, अब वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान किया जा रहा है, ताकि इस कांड का खुलासा हो सके.
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