गया. शहर के गिरजाघरों में इस्टर का महापर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर गिरजाघरों में विशेष आराधना सभा आयोजित की गयी. इसमें ईसाई धर्म से जुड़े काफी लोग शामिल हुए. कब्रिस्तान में भी मृतकों के आत्मा के शांति के लिए उनके परिवारों द्वारा विशेष प्रार्थना की गयी. प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की पावन स्मृति में मनाया जाने वाला यह इस्टर रविवार को श्रद्धा, भक्ति व उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ. सेंट थॉमस कैथोलिक चर्च में आयोजित इस्टर रात्रि जागरण मिस्सा अनुष्ठान में काफी श्रद्धालु शामिल हुए. अनुष्ठान की अगुवाई पल्ली पुरोहित फादर थोमस ओलिकाथोट्टी ने की. अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि इस्टर मानव जाति के लिए ईश्वर का अनुपम उपहार है. यह पाप व मृत्यु पर विजय, और सच्चाई व अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यीशु मसीह का पुनरुत्थान मसीही आस्था व आशा की नींव है. यह मृत्यु के पार अनंत जीवन की ओर ले जाने वाला मार्ग है. रात 11 बजे अनुष्ठान की शुरुआत नवाग्नि आशीर्वाद से हुई. इस्टर कैंडल जलाकर ‘ख्रीस्त की ज्योति’ के उद्घोष के साथ जुलूस में वेदी तक पहुंचाया गया. फादर येसुराज ने ज्योति गुणगान की रस्म अदा की. इस मौके पर बाइबल से पांच पाठ पढ़े गये, जिनमें तीन पुराने और दो नये नियम से लिए गये थे.
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