बोधगया. आइआइएम बोधगया ने दो चरणों में बिहार पुलिस अकादमी से 38 प्रशिक्षु डीएसपी के लिए एक प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) का संचालन किया. यह कार्यक्रम बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से चयनित नवनियुक्त अधिकारियों को उभरते प्रशासनिक परिदृश्य में प्रभावी पुलिसिंग के लिए आवश्यक प्रमुख प्रबंधन, नेतृत्व और व्यावहारिक दक्षताओं से लैस करने के लिए तैयार किया गया था. आइआइएम बोधगया कि निदेशक डॉ विनीता एस सहाय के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. डॉ सहाय ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने तथा सामुदायिक विश्वास बनाने में डीएसपी की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कानून प्रवर्तन में नैतिक निर्णय लेने, समयबद्ध नेतृत्व और अंतर विभागीय समन्वय के बढ़ते महत्व पर बात की. यह एमडीपी एग्जीक्यूटिव एजुकेशन एवं कंसल्टेंसी के चेयरपर्सन, डॉ अमित श्रीवास्तव की निगरानी में आयोजित डॉ विशाल अशोक वानखेड़े और प्रो सजन पुकोकोदन द्वारा समन्वित किया गया था. कार्यक्रम में कक्षा सत्र आकलन और क्षेत्र के दौरे शामिल थे. संकाय सदस्यों ने लक्ष्य निर्धारण, निर्णय लेने, नेतृत्व, संकट संचार, डेटा उपयोग और सोशल मीडिया जैसे विषयों को कवर किया. आइआइएम बोधगया परिसर में कार्यक्रम का पहला चरण एक अप्रैल से पांच अप्रैल तक आयोजित किया गया और इसमें समय प्रबंधन, संकट नेतृत्व, मानव व्यवहार, सहयोग और मीडिया संचार पर सत्र शामिल रहे. अधिकारियों ने विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर का भी दौरा किया. बिहार पुलिस बल में सक्रिय और समुदाय-उन्मुख अधिकारियों को विकसित करने की जरूरत : सुशील कुमार बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में कार्यक्रम का दूसरा चरण सात अप्रैल से 12 अप्रैल तक आयोजित किया गया, जिसमे सार्वजनिक सेवा, बजट, नागरिक सेवा वितरण, गुणवत्ता प्रबंधन और व्यवहार अंतर्दृष्टि में नैतिकता पर सत्र शामिल किये गये. इसका समापन हितधारक सहभागिता, सार्वजनिक कार्यक्रम प्रोटोटाइपिंग और विचार-मंथन अभ्यास पर सत्रों के साथ हुआ. इस एमडीपी में बिहार पुलिस अकादमी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें बिहार पुलिस अकादमी के असिस्टेंट डायरेक्टर आइपीएस सुशील कुमार उद्घाटन सत्र में भाग लिया. उन्होंने क्षमता निर्माण के लिए कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि बिहार पुलिस बल में सक्रिय और समुदाय-उन्मुख अधिकारियों को विकसित करने के लिए संरचित प्रशिक्षण आवश्यक है.
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