Gaya News : विषम परिस्थिति में भी लोगों का व्यवहार होना चाहिए संयमित

कहा, कई तरह की नयी बीमारी व समाज की गंभीर चुनौतियों के बीच लोगों को स्वस्थ रखने के लिए करना है सेवा

By AMIT KUMAR SINGH_PT | June 30, 2025 11:40 PM
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गया जी. डॉक्टरों को नोबल पेशे के हकदार के साथ समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है. हर जगह इन्हें सुपर हीरो के रूप में ही देखा जाता है. कई तरह की महामारी व विषम परिस्थिति में डॉक्टर लोगों के लिए ढाल बनकर खड़े रहते हैं. हाल के दिनों में देखा जाये, तो कई तरह की नयी बीमारी व गंभीर चुनौतियों के बीच भी लोगों को स्वस्थ रखने के लिए हर वक्त डॉक्टर तत्पर रहते हैं. लेकिन, गंभीर बीमारियों में रक्षक बनने वाले डॉक्टर की परेशानी व इनके जीवनशैली के बारे में शायद ही कोई सोचता है. हाल के दिनों में देखा गया है कि इनके पेशे पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. इसके बाद भी इनकी समाज में अहमियत कम नहीं हुई है. वर्तमान परिवेश में हर किसी को डॉक्टर की जरूरत पड़ती है. 1991 से हर वर्ष देश में एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन मानवता और समाज में डॉक्टरों के योगदान को स्वीकार करने और देश और मानव जाति के प्रति उनकी सेवा के लिए आभार व्यक्त करने के लिए समर्पित है.

हर कोई मशीन की तरह ही रिजल्ट चाहता है, इसमें काम करना मुश्किल

डॉक्टर्स के साथ संवेदनशीलता बरतने की जरूरत

डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच

अपने कर्तव्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने के बाद बहुत कम जगहों पर परेशानी आती है. मरीज व उनके परिजन को बीमारी के बारे में स्पष्ट जानकारी देकर इलाज शुरू किये जाने के बाद किसी तरह का संकोच नहीं रहता है. हाल के दिनों में देखा जाये, तो इस पेशे पर भी कई तरह के कीचड़ उछालने का काम बिना जानकारी वाले लोग इस पेशे को नाजायज तौर पर अपनाकर किये है. ये सीधे लोगों के जान से खिलवाड़ करते हैं. इस तरह के लोगों को चिह्नित कर खुद ही जाल में फंसने से बचना चाहिए. इसके चलते मरीज को जान भी गंवानी पड़ सकती है. सरकार की ओर से भी कार्रवाई की जाती है.

डॉ एमइ हक, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी

विषम परिस्थिति में भी सेवाभाव के संकल्प को न छोड़ें

भगवान की ओर से इस पेशे को अपनाकर लोगों की सेवा ताउम्र करने का मौका मिला है. इससे खूबसूरत पेशा और कुछ नहीं हो सकता है. इस पेशे में कर्तव्यों का निर्वहन कर लोगों से इज्जत पाने का अच्छे मौके के साथ बेहतर जीवन यापन भी हो जाता है. हर वर्ग इस पेशे में शामिल लोगों का सम्मान करते हैं. चिकित्सकों को भी इसका हर मोड़ पर ख्याल रखना चाहिए. समाज ने डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया है. इस जिम्मेदारी को रुपये कमाने के लिए नहीं सेवा भाव से करने में खुद का जीवन भी सुखमय हो जाता है. आइए इस डॉक्टर डे पर संकल्प ले कि किसी तरह के विषम परिस्थिति में भी सेवाभाव के संकल्प को नहीं छोड़ेंगे.

डॉ विपुल कुमार, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच

जीवन को आसान बनाने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना जरूरी

डॉ तेजस्वी नंदन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिवर्स हॉस्पिटल

जीवन बचाने के लिए सेवा भाव वाला जुनून जरूरी

डॉ संजय कुमार, उपाधीक्षक, सदर हॉस्पिटल गयाB

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