होलिका दहन के साथ 24 मार्च से शुरू हो रहा रंगों का त्योहार होली, इन जगहों पर जलाई जायेगी होलिका

24 मार्च रविवार को रात 10: 27 बजे भद्रा की समाप्ति होते ही पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन का मुहूर्त प्रारंभ हो जायेगा. 25 मार्च सोमवार को दिन में 11 : 31 बजे तक पूर्णिमा तिथि रहने से 25 मार्च को होलिका भस्म धारण का मुहूर्त नहीं है.

By RajeshKumar Ojha | March 22, 2024 6:19 AM
an image

होलिका दहन होली इस बार 24 मार्च को होलिका दहन के साथ शुरू हो रही है. रात 12 बजे के बाद होलिका दहन होने से 25 मार्च को इस बार आधार रहेगा. 26 मार्च को होली होगी. इसके अगले दिन 27 मार्च को स्थानीय परंपरानुसार मटका फोड़ होली यानी झुमटा का आयोजन होगा. इसके साथ यह त्योहार संपन्न हो जायेगा. स्थानीय लोगों द्वारा इस बार शहर के करीब 90 जगहों पर होलिका दहन की तैयारी की गयी है.

इसके लिए मुहल्ला स्तर पर युवाओं व बच्चों की गठित टोलियां ढोल-बाजे के साथ लोगों के घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जाकर लकड़ियों के लिए आर्थिक सहयोग की अपील करने लगे हैं. जानकारी के अनुसार नयी गोदाम, रंगबहादुर रोड, अनुग्रह नारायण रोड, मीर अबु सालेह रोड, राय शीतल प्रसाद रोड, जीबी रोड, मनी रोड, गोलपत्थर, कोयरीबारी, गुरुद्वारा, किरानी घाट, चौक, रमना, दु:खहरणी मंदिर, टिकारी रोड, मुरारपुर, चांदचौरा, डेल्हा, पुरानी गोदाम, स्टेशन रोड, बैरागी मोड़, पहासवर मोड़, महारानी रोड, वागेश्वरी, बाटा मोड़, अनुग्रहपुरी कॉलोनी, चाणक्यपुरी कॉलोनी, कटारी हिल रोड, चंदौती, राजेंद्र आश्रम, नवागढ़ी, बाइपास, मोरिया घाट मोड़ सहित शहर के करीब 90 जगहों पर इस बार होलिका दहन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

बाजार में बढ़ रही चहल-पहल

रंगों का त्योहार होली की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, बाजार में भी चहल-पहल तेजी से बढ़ने लगी है. गुरुवार को केपी रोड, धामी टोला, पुरानी गोदाम सहित शहर के मुख्य व्यवसायिक क्षेत्रों में खरीदारी को लेकर पूरे दिन लोगों की भीड़ बनी रही. गुरुवार को भी काफी लोगों ने अपनी जरूरतों के अनुसार रंग, पिचकारी, अबीर-गुलाल के साथ-साथ पुआ-पकवानों के लिए भी सामानों की खुलकर खरीदारी की है.

26 मार्च को होलिका भस्म धारण करें

24 मार्च रविवार को रात 10: 27 बजे भद्रा की समाप्ति होते ही पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन का मुहूर्त प्रारंभ हो जायेगा. आचार्य लालभूषण मिश्र ‘याज्ञिक’ के अनुसार, अर्द्ध रात्रि के पहले ही यह मुहूर्त समाप्त हो जाता है. 25 मार्च सोमवार को दिन में 11 : 31 बजे तक पूर्णिमा तिथि रहने से 25 मार्च को होलिका भस्म धारण का मुहूर्त नहीं है. होलिका भस्म (राख) धारण का विधान शास्त्रों में प्रतिपदा तिथि में है, किन्तु प्रातःकाल है. अत: 26 मार्च मंगलवार को प्रातःकाल प्रतिपदा तिथि में होलिका भस्म (विभूति) धारण करें.

भस्म धारण करने के बाद ही अबीर गुलाल धारण करें

भस्म धारण (विभूति धारण) करने के बाद ही अबीर गुलाल धारण करें. भविष्य पुराण में राजा रघु और उनके गुरु वशिष्ठ ऋषि के संवाद से स्पष्ट है कि भस्म धारण, जारों की आवाज में गायन व अट्टहास  के साथ हंसी होलिकोत्सव का अंग है. इससे बालकों को रोगी बना देने वाली ढूंढा राक्षसी का प्रभाव समाप्त हो जाता था. अतः यह परंपरा चली आ रही है. इससे वर्ष भर बालक निरोग रहते हैं. भस्म और अबीर लगाकर हंसी-ठठोली करें. वर्षों से वाराणसी व काशी में एक दिन पहले होली मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस कारण वहां इस वर्ष 25 मार्च को ही मनायी जायेगी.

ये भी पढ़े

Lok Sabha Election 2024: आरजेडी का हेलिकॉप्टर पटना पहुंचा, जानें कितने हेलिकॉप्टरों से होगा चुनाव प्रचार

मुजफ्फरपुर: होली के लिए ऐसे हो रहा शराब की सप्लाई, देखकर दंग रह गई पुलिस…

संबंधित खबर और खबरें

यहां गया न्यूज़ (Gaya News), गया हिंदी समाचार (Gaya News in Hindi),ताज़ा गया समाचार (Latest Gaya Samachar),गया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gaya Politics News),गया एजुकेशन न्यूज़ (Gaya Education News),गया मौसम न्यूज़ (Gaya Weather News)और गया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version