जितेंद्र मिश्रा, गया जी
अस्पताल में होती है पूरी व्यवस्थाडॉक्टरों का कहना है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की पूरी व्यवस्था मौजूद है. गंभीर स्थिति में मरीजों को आइसीयू की सुविधा भी दी जाती है. मई से जून के बीच 400 से अधिक मरीज समय पर अस्पताल पहुंचकर अपनी जान बचा पाये हैं, वहीं 125 से अधिक लोग इलाज में देरी के कारण संकट में पड़ चुके हैं.
बरसात के मौसम में बढ़ जाता है खतराबरसात के मौसम में सर्पदंश के मामलों में तेजी आ जाती है. इस दौरान सांप और बिच्छू अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मौसम में लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए.
जिला स्तर पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके बावजूद कई लोग अब भी परंपरागत मान्यताओं के कारण अस्पताल देर से पहुंचते हैं.
डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच – फोटो- गया- 04
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