गया जी. मुहर्रम के अवसर पर शमीम नाज, कांग्रेस नेता शौकत निशात उर्फ नवाब अली, नादिरा अशरफ, डॉ मुमताज निशात, इंजीनियर ज़ुल्फ़िक़ार निशात और डॉ शब्बीर आलम ने लोगों को संबोधित कर इंसानियत, भाईचारे और अमन का संदेश दिया. सभी ने कहा कि मुहर्रम की पहली तारीख से इस्लामिक नये साल की शुरुआत होती है, जो केवल गम और मातम का महीना नहीं बल्कि बलिदान, सब्र और हक की राह पर चलने की प्रेरणा देता है. उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि कर्बला की घटना सिखाती है कि सत्य और न्याय के लिए कोई भी बलिदान छोटा नहीं होता. वक्ताओं ने कहा कि आज जब समाज में नफरत और भेदभाव की दीवारें खड़ी की जा रही हैं, तब मुहर्रम का पैगाम हमें आपसी मोहब्बत, इंसाफ और सामाजिक एकता की दिशा में काम करने का अवसर देता है.
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