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वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ द इंटरनेशनल पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन में लिया हिस्सा

By KALENDRA PRATAP SINGH | July 14, 2025 7:00 PM
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वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ द इंटरनेशनल पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन में लिया हिस्सा

वरीय संवाददाता, बोधगया.

प्रो शाही ने इस विरोधाभास की ओर विशेष ध्यान दिलाया कि दलित समुदाय की चुनावी दृश्यता तो बढ़ी है, लेकिन शिक्षा, नौकरशाही और रोजमर्रा के जीवन में भेदभाव आज भी बना हुआ है. साथ ही अनुसूचित जातियों के भीतर उपजातीय भेद, वर्गगत गतिशीलता और प्रभुत्वशाली जातियों से निकटता के आधार पर नये प्रकार की असमानताएं भी उभर रही हैं. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि दलित युवाओं और महिलाओं में तेजी से उभरती राजनीतिक चेतना और डिजिटल मंचों के उपयोग ने एक नयी आकांक्षी राजनीति को जन्म दिया है, जो केवल चुनावी हिस्सेदारी तक सीमित नहीं, बल्कि गरिमा, प्रतिनिधित्व और नीतिगत बदलाव की मांग भी कर रही है.

प्रो शाही का यह शोध यह दर्शाता है कि बिहार में अनुसूचित जातियों का राजनीतिक सशक्तीकरण अभी अधूरा अवश्य है, लेकिन अब यह प्रक्रिया अपरिवर्तनीय हो चुकी है. यह एक ऐसी यात्रा है, जो पीड़ा की ऐतिहासिक जड़ों से निकली है. परंतु, अब न्याय और समानता के संवैधानिक व नैतिक दृष्टिकोण से सशक्त हो रही हैं.

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