गया से बिहारशरीफ अब ढाई घंटे में
सूत्रों के अनुसार गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ फोरलेन एनएच-82 का निर्माण करीब 93 किमी लंबाई में करीब 2138 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. इसके बनने से गया से बिहारशरीफ आवागमन में समय की बचत होगी. फिलहाल गया से बिहारशरीफ जाने में करीब चार घंटे लग जाते हैं. अब नयी फोरलेन सड़क बनने के बाद यह सफर करीब ढाई घंटे में तय किया जा सकेगा. ऐसे में करीब डेढ़ घंटे की बचत होगी. इसके साथ ही यह सड़क बुद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा होगी. इस सड़क का निर्माण 20 अक्टूबर 2016 को शुरू हुआ था और 2018 में इसका निर्माण पूरा करने की समयसीमा थी. शुरुआत में अनुमानित लागत करीब 925.87 करोड़ रुपये था. विलंब के कारण इसकी लागत में भी बढ़ोतरी हो गयी.
अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ दो लेन एनएच-110 की मरम्मत
राज्य में अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ दो लेन एनएच-110 काे करीब 21 किमी लंबाई में मरम्मत कर बेहतर बनाने का काम धीमी गति से हो रहा है. इसके निर्माण की गति तेज कर इस साल पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इस सड़क के बनने से तीन जिला के लोगों को सीधे तौर पर फायदा होगा. इसमें अरवल, जहानाबाद और नालंदा शामिल हैं. यह सड़क भी बुद्ध सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण
राज्य में मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से करीब 17 किमी लंबाई में हो रहा है. साल 2010 में इस बाइपास के निर्माण का फैसला लिया गया, लेकिन इसपर 2012 से काम शुरू हुआ. इसके बाद इसमें जमीन अधिग्रहण सहित कई अड़चनें आयीं. 2019 में हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इसका काम तेजी से शुरू हुआ, लेकिन कोराना संकट की वजह से फिर से समस्या हो गयी. अब इसे इस साल पूरा होने की संभावना है. बाइपास बनने से मुजफ्फरपुर शहर में ट्रैफिक का दबाव घटेगा. साथ ही नेपाल आना-जाना भी आसान हो जायेगा. पटना से नेपाल, पूर्णिया सहित गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश जाने-आने वालों को सुविधा होगी. वहीं सीतामढ़ी से सोनबरसा जाने की कनेक्टिविटी विकसित हो जायेगी. राजधानी पटना व मुजफ्फरपुर को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के फोरलेन की कनेक्टिविटी मिल सकेगी. मझौली से नेपाल को जोड़ने वाली सड़क एनएच-527 सी से भी आने वाले वाहनों के लिए पटना आना-जाना आसान हो जायेगा.