गया. चार दिवसीय छठ पूजा के दूसरे बुधवार को छठव्रतियों के घरों में खरना का अनुष्ठान भगवान सूर्य व अन्य देवी देवताओं की पूजा आयोजित हुई. विधि विधान के साथ स्नान कर व साफ कपड़े पहन कर छठव्रती व उनके परिजन अपने घरों में खरना का प्रसाद बनाया. घर में स्थापित देवी-देवताओं व भगवान सूर्य की पूजन कर सबसे पहले छठव्रती खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके साथ ही साथ छठव्रतियों के 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. इस मौके पर परिवार के अन्य सदस्यों, सगे-संबंधियों, पड़ोसियों व परिचितों को आमंत्रित कर उन्हें खरना का प्रसाद दिया. नहाय-खाय के साथ एक अप्रैल से शुरू इस चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन तीन अप्रैल को डूबते भगवान सूर्य को अर्घ दान, पूजन व चौथे दिन चार अप्रैल को को उगते भगवान सूर्य की पूजन, अर्घ दान के बाद छठव्रती जल व शरबत सेवन कर 36 घंटे से चल रहे निर्जला उपवास को तोड़ेंगे इसके साथ ही चार दिवसीय यह अनुष्ठान संपन्न हो जायेगा. छठ पूजा में इस बार फलों के दामों में मामूली वृद्धि हुई है. कारोबारी शिव शंकर कुमार ने बताया कि मांग की तुलना में फलों का आवक अधिक होने के कारण इसके दामों में छठ पूजा का कोई विशेष असर नहीं पड़ा है.
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