Pitru Paksha : पितरों की मुक्ति के लिए जल तर्पण, गौ पूजन और दान का विधान संपन्न, अक्षयवट वेदी पर आज होगा श्राद्ध

Pitru Paksha : पितरों की मुक्ति के लिए जल तर्पण, गौ पूजन और दान का अनुष्ठान मंगलवार को पूरा हुआ. इस दौरान 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने वैतरणी सरोवर में श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया तथा कोटेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा कर ब्राह्मणों से आशीर्वाद भी लिया.

By Anand Shekhar | October 2, 2024 6:50 AM
an image

Pitru Paksha : गयाजी धाम में 17 सितंबर से चल रहे राजकीय पितृपक्ष मेला महासंगम 2024 के त्रिपाक्षिक श्राद्ध विधान के तहत आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि मंगलवार को देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों तीर्थयात्रियों ने अपने पितरों की जन्म-मरण से मुक्ति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर वैतरणी सरोवर में जल तर्पण, गौ पूजन व गौ दान किया और पितरों के उद्धार की कामना की.

श्रद्धालुओं ने पितरों के उद्धार के लिए पिंडदान व श्राद्ध का कर्मकांड कर पिंड को वैतरणी सरोवर में विसर्जित किया. कई श्रद्धालुओं ने इस कर्मकांड को संपन्न करने के बाद गौ पूजन कर ब्राह्मणों को गौ दान भी किया. त्रिपाक्षिक श्राद्ध विधान के तहत 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के 15वें दिन मंगलवार को वैतरणी सरोवर में जल तर्पण, गौ पूजन व गौ दान को लेकर सूर्योदय के साथ श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, यह सूर्यास्त तक बना रहा. पूरे दिन 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने कुल पंडा के निर्देशन में पूरे विधि-विधान व पितृ आस्था के साथ वैतरणी सरोवर पर श्राद्धकर्म व पिंडदान करने के बाद जल तर्पण, गौ पूजन व गौदान किया.

भगवान शिव का किया दर्शन-पूजन

श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के वरिष्ठ सदस्य मणिलाल बारिक ने बताया कि आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को पिंडदान न होकर केवल वैतरणी सरोवर के जल से तर्पण का विधान है. हिंदू धार्मिक ग्रंथों व पुराणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह तर्पण पितरों का उद्धार करता है. मणिलाल बारिक ने कहा कि त्रिपाक्षिक श्राद्ध विधान के तहत शस्त्र से आघात मृत व्यक्तियों की मुक्ति के लिए भी कई परिजनों ने पिंडदान का कर्मकांड किया. वहीं प्रायः सभी श्रद्धालुओं ने कर्मकांड करा रहे अपने कुल पंडाजी का पांव पूजन भी किया. इन सभी कर्मकांड संपन्न करने के बाद श्रद्धालु ने मार्कण्डेय महादेव व कोटेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का दर्शन-पूजन कर ब्राह्मणों से आशीर्वाद लिया.

अक्षयवट वेदी पर आज श्राद्ध, पिंडदान व सेजिया दान का विधान

मणिलाल बारिक ने बताया कि दो अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि) बुधवार को अक्षयवट श्राद्ध (खीर का पिंड) शैय्या दान, सुफल व पितृ विसर्जन का विधान है. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से आये अधिकतर श्रद्धालु अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार कर्मकांड कर रहे ब्राह्मणों को सेजिया दान भी करते हैं. तीन अक्तूबर (आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि) गुरुवार को फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित गायत्री घाट पर नाना-नानी कुल के उद्धार के लिए दही चावल का पिंड, आचार्य की दक्षिणा व पितृ विदाई का विधान है. उन्होंने बताया कि 17 दिवसीय कर्मकांड कर रहे सभी श्रद्धालु गायत्री घाट पर उक्त कर्मकांड को जरूर करते हैं.

इसे भी पढ़ें: Pitru Paksha: नाइजीरिया, घाना, यूक्रेन से भी पिंडदान करने पहुंचे विदेशी, पितरों की जन्म-मरण से मुक्ति के लिए किया तर्पण

17 दिवसीय पितृपक्ष मेले का आज होगा समापन

17 दिवसीय राजकीय पितृपक्ष मेला महासंगम 2024 का समापन दो अक्तूबर को किया जायेगा. जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी दीपकचंद्र देव ने बताया कि पितृपक्ष मेला महासंगम का समापन समारोह का आयोजन विष्णुपद मंदिर प्रांगण में किया जायेगा.

इस वीडियो को भी देखें: मोदी से क्यों नाराज हुए चिराग पासवान

संबंधित खबर और खबरें

यहां गया न्यूज़ (Gaya News), गया हिंदी समाचार (Gaya News in Hindi),ताज़ा गया समाचार (Latest Gaya Samachar),गया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gaya Politics News),गया एजुकेशन न्यूज़ (Gaya Education News),गया मौसम न्यूज़ (Gaya Weather News)और गया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version