गया जी. जिले में एक हजार से अधिक जांच केंद्र और प्राइवेट अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इनसे निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एएनएमएमसीएच परिसर में विशेष प्लांट की व्यवस्था की गयी है. इस प्लांट में सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ जांच केंद्रों से भी बायो वेस्ट लाकर नष्ट किया जाता है. हालांकि, हकीकत यह है कि जिले के केवल 600 अस्पतालों का ही इस प्लांट से रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिनमें से भी नियमित रूप से रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराने वाले अस्पतालों की संख्या मात्र 450 है. वहीं, शहरी इलाकों के कई अस्पतालों का कचरा सड़क किनारे या ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों में फेंका जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों से प्लांट की गाड़ियां नियमित रूप से मेडिकल वेस्टेज कलेक्ट करती हैं. नगर निगम की ओर से दुकानदारों और नागरिकों को कचरा यत्र-तत्र नहीं फेंकने की सख्त हिदायत दी गयी है, बावजूद इसके हालात में खास सुधार नहीं हो सका है. निगमकर्मियों के लिए सड़क किनारे पड़े मेडिकल वेस्टेज, जैसे इंजेक्शन की सुइयां और स्लाइन की टूटी बोतलें, गंभीर रूप से खतरनाक साबित हो रही हैं. नियम के तहत किसी भी प्राइवेट या सरकारी अस्पताल को मेडिकल वेस्टेज नगर निगम के सामान्य कचरे में नहीं देना चाहिए. सिविल सर्जन कार्यालय से रजिस्ट्रेशन के समय भी प्लांट में रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता होती है. इसके बावजूद जिले में बड़ी संख्या में अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे हैं.
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