ग्रामीण नवाचार स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक
कार्यशाला में छात्राओं, शोधार्थियों व शिक्षकों को दी गयी जानकारी
By KALENDRA PRATAP SINGH | July 17, 2025 7:23 PM
कार्यशाला में छात्राओं, शोधार्थियों व शिक्षकों को दी गयी जानकारी
गौवंश को पशु के दृष्टि से ऊपर देखने की जरूरत
वरीय संवाददाता, बोधगया.
मगध विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग, सृष्टि महिला स्वाभिमान ट्रस्ट एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में गाय सेवा और महिला सशक्तीकरण: परंपरा से उद्यमिता तक की यात्रा विषय पर एक दिवसीय क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं, शोधार्थियों व शिक्षकों को गाय आधारित जीवनशैली, पंचगव्य उत्पाद, जैविक खेती एवं लघु उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भरता, सतत विकास व महिला नेतृत्व के अवसरों से परिचित कराना था. कार्यक्रम समन्वयक प्रो मुकेश कुमार ने कहा कि गाय सेवा पर आधारित ग्रामीण नवाचार न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों को उनके सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में भी अग्रसर करता है. आइक्यूएसी का उद्देश्य केवल शैक्षणिक गुणवत्ता का संवर्धन नहीं, बल्कि नवाचार के माध्यम से सामाजिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित करना है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सृष्टि महिला स्वाभिमान ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो अश्वनी कुमार ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना महिला नेतृत्व के बिना अधूरी है. महिलाएं जब परंपरा, प्रकृति और प्रौद्योगिकी को समन्वित कर उद्यमिता की राह अपनाती हैं, तभी भारत वास्तविक अर्थों में विकासशील से विकसित बनता है.
मुख्य वक्ता गया गदाधर श्री नंदी गौ सेवा आश्रम ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ संगीता सिन्हा ने कहा कि गौवंश को पशु की दृष्टि से ऊपर देखने की जरूरत है. गाय सेवा और पंचगव्य आधारित उत्पादों के माध्यम से महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अनेक द्वार खुलते हैं. यह केवल एक जैविक जीवनशैली नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्निर्माण और नवाचार आधारित उद्यमिता की दिशा है. पूर्व विभागअध्यक्ष प्रो किशोर कुमार ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंचगव्य, गोबर, गौमूत्र जैसे स्थानीय संसाधनों का रचनात्मक उपयोग करके महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकती हैं और अपने समुदाय के लिए प्रेरणा बन सकती हैं.
विशिष्ट अतिथि डॉ केके मिश्र ने कहा कि गाय केवल श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि नवाचार, स्वास्थ्य और स्वावलंबन का भी सशक्त माध्यम है. गृह विज्ञान विभाग की प्रभारी डॉ दीपशिखा पांडेय ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है, जो परंपरा को नवाचार से जोड़कर महिलाओं को सामाजिक नेतृत्व की नयी दिशा देता है. इस अवसर पर गृह विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ स्मिता कुमारी, शोधार्थी, कर्मचारी व बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं.
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