गया. गर्मी के दिन शुरू होने को हैं. इसके साथ आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ेगी. कई जगहों पर घटनाएं हो भी चुकी हैं. ऐसे में अगले कुछ महीने फायर ब्रिगेड के लिए ””अग्निपरीक्षा”” के होंगे. हालांकि, अग्निशमन विभाग ने वर्तमान में समुचित संसाधनों से सुसज्जित होने का दावा किया है. विभाग के अनुसार, एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 यानी पूरे वर्ष में जिले में 484 अगलगी की घटनाएं हुईं. इसमें दो लोग लोगों की मौत व एक व्यक्ति घायल हुआ, जबकि एक जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक जिले में अगलगी की 81 घटनाएं हुई हैं. इस घटना में दो लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा जिले में अगलगी की कई अन्य छोटी घटनाएं भी हुई हैं जहां स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा आग बुझा दिया जाता है.
अग्निशमन विभाग के पास मौजूद संसाधान
जिले में करीब 50 लाख लोगों के जानमाल की सुरक्षा अग्निशमन विभाग के 34 वाहनों, 198 पदाधिकारियों-कर्मचारियों, 30 से अधिक वाटर फिलिंग प्वाइंट व 12 प्रॉक्सिमिटी सूट (अग्नि सुरक्षा सूट) के सहारे है. विभाग के पास आठ वाटर टेंडर की बड़ी गाड़ी, एक ब्राउजर गाड़ी, दो फोम टेंडर वाहन, एक हाइड्रोलिक वाहन, एक रेस्क्यू टेंडर, 18 छोटी गाड़ियां, तीन की संख्या में 709 मॉडल की गाड़ियों के अलावा पर्याप्त संख्या में CO2 गैस सिलेंडर उपलब्ध हैं. हाइड्रोलिक लाइव प्रयुक्त वाटर वाहन अंधेरे को भी भेद कर आग पर काबू पाने में सक्षम है. इनमें से सात बड़ी, दो छोटी व एक फोम टेंडर वाहन सदर मुख्यालय स्वराज्यपुरी रोड कार्यालय में रखा गया है.
प्रखंड मुख्यालयों व थानों में रखे गये हैं दमकल वाहन
आकस्मिक होने वाली घटनाओं की जानकारी के लिए इन नंबरों पर करें डायलइन नंबरों पर दे सकते हैं सूचनासदर अनुमंडल – 101, 112, 0631- 2222258, 7485805958 व 7485805959गया- 7485805959.बोधगया- 7485805967.टिकारी- 7485805961.शेरघाटी- 7485805963.नीमचक बथानी- 7485805965.क्या कहते हैं अधिकारीविभाग के डीएसपी सह जिला अग्निशमन पदाधिकारी रितेश पांडेय व सहायक जिला अग्निशमन पदाधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उपलब्ध संसाधनों में कुछ को अनुमंडल स्तर पर भी रखा गया है, ताकि घटनास्थल पर तुरंत पहुंचा जा सके. उन्होंने बताया कि फायर प्रॉक्सिमिटी सूट विभाग के सदर अनुमंडल कार्यालय में चार, शेरघाटी, टिकारी, बोधगया व नीमचक बथानी में दो-दो सेट उपलब्ध है. सदर अनुमंडल में जनरेटर के साथ लगा मोटर पंपिंग स्टेशन ठीक है. खेतों से गुजरने वाले 33 हजार वोल्ट के तारों में सेपेटर के नहीं रहने व थ्रेसर चलाने वाले किसानों द्वारा बांस के सहारे तार को ले जाने के कारण अगलगी की अधिकतर घटनाएं हो रही हैं. इन घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य व अग्नि सुरक्षा को लेकर विभाग द्वारा पूरे जिले में लोगों के बीच नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाया जाता है.
खलिहान के पास किसी तरह की आग नहीं जलाएं.
जहां पर सामूहिक भोजन बनाने का काम हो वहां पर एक बाल्टी पानी जरूर रखें.खुली जगह में कभी भी व किसी भी परिस्थिति में आग ना जलाएं.
भवनों में अग्नि सुरक्षा के इन उपायआग लगने पर 101/112 डायल करें.
भवनों के प्रवेश व निकास को किसी भी परिस्थिति में अवरुद्ध न करें.
पुराने भवनों का फायर ऑडिट करायें व अग्निशामक विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों व सुझावों का पालन करें.
भवनों में अनावश्यक रूप से कूड़ा करकट, ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण किसी भी परिस्थिति में न करें.
झोंपड़ी के आसपास सूखी घास, लकड़ी या अन्य ज्वलनशील सामग्री न रखें.खाना पकाने के दौरान ईंधन को सुरक्षित स्थान पर रखें.बिजली के तारों को ठीक से ढकें और क्षतिग्रस्त तारों को तुरंत बदलें.
मवेशियों का घर जीआइ अथवा एस्बेस्टस का ही बनाएं, क्योकि यह आग प्रतिरोधी होता है.
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