Gaya News : गया वन प्रमंडल अंतर्गत 22 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य

Gaya News : पर्यावरणीय असंतुलन ने आज पृथ्वी के मौसमीय चक्र और जैविक तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिसके दुष्परिणाम खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट से लेकर विभिन्न बीमारियों के रूप में सामने आ रहे हैं.

By PRANJAL PANDEY | June 4, 2025 10:59 PM
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हरिबंश कुमार, गया जी. पर्यावरणीय असंतुलन ने आज पृथ्वी के मौसमीय चक्र और जैविक तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिसके दुष्परिणाम खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट से लेकर विभिन्न बीमारियों के रूप में सामने आ रहे हैं. पर्यावरण की रक्षा केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व की अनिवार्यता बन चुकी है. इसी दिशा में गया वन प्रमंडल द्वारा व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं. वर्ष 2025 में गया वन प्रमंडल द्वारा कुल 22 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे पूर्व वित्तीय वर्ष में जिले में करीब 25 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं. इनमें नौ लाख पौधे वन भूमि पर, 16700 पौधे स्टेट और नेशनल हाइवे के किनारे, 10000 पौधे शहरी क्षेत्रों में और 4.64 लाख पौधे जीविका दीदियों के माध्यम से वितरित किये गये थे. साथ ही मनरेगा के तहत सात लाख पौधे और पैरामिलिट्री व अन्य विभागों के सहयोग से 80000 पौधे लगाये गये.

मियावाकी पद्धति और सीड बॉल का उपयोग

कम जगह में सघन वन क्षेत्र विकसित करने के लिए मियावाकी पद्धति का उपयोग किया जा रहा है. गर्मियों में पौधों के संरक्षण के लिए टैंकर से सिंचाई की व्यवस्था की गयी है. वहीं, गया और जहानाबाद जिलों के ब्रह्मयोनि, प्रेतशिला, रामशिला, ढुंगेश्वरी और बराबर पहाड़ों पर एक लाख सीड बॉल फेंके गये हैं. डीएफओ शशिकांत कुमार के अनुसार, इनमें से लगभग 20 प्रतिशत पौधों की उत्तरजीविता की संभावना है.

गौरैया संरक्षण की पहल

वन विभाग ने गौरैया संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया है. इसमें लोगों को गर्मी में जल पात्र रखने, धान-बाजरा जैसी अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और झाड़ीदार पौधों जैसे बोगेनवेलिया, कनैल, शम्मी, उड़हुल आदि को लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

जैव विविधता पार्क व शहरी सौंदर्यीकरण

कंडी नवादा में जैव विविधता पार्क निर्माण कार्य प्रगति पर है. वहीं, गांधी मैदान पार्ट थर्ड, पार्ट फोर, गांधी मंडप और धनिया बगीचा जैसे शहर के प्रमुख स्थलों पर पार्क निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य हो रहा है. सिलौंजा में सेवेन वंडर्स पार्क के निर्माण की योजना भी तैयार है.

वन उत्पादों से आजीविका

वन विभाग ने महुआ, शतावर, चिरौंजी, सहजन, मधु जैसे वन उत्पादों को स्थानीय लोगों की आजीविका से जोड़ा है. बेलागंज के वाणावर पहाड़ में मोरिंगा (सहजन) की प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए 16 गांवों के 300 से अधिक परिवारों को रोजगार मिला है. करीब दो लाख मोरिंगा के पेड़ लगाये गये हैं, जिनकी पत्तियों से पोषक पाउडर तैयार कर स्वास्थ्य व उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है.

प्लास्टिक मुक्त राज्य की दिशा में अभियान

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम वन नेशन, वन मिशन : इंड प्लास्टिक पॉल्यूशन को लेकर वन विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है। इस पहल के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देने और तीन आर (रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल) के सिद्धांतों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. प्लास्टिक प्रदूषण जल, मृदा और जैवविविधता पर गंभीर असर डाल रहा है. माइक्रोप्लास्टिक के माध्यम से यह मानव शरीर तक भी पहुंच रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी अनेक जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं.

पौधे लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना अंतर्गत कृषकों को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्थानीय पौधशालाओं से मात्र 10 रुपये प्रति पौधे की सुरक्षित राशि तीन वर्षों के लिए लेकर पौधे प्रदान किये जाते हैं. कृषकों को तीन वर्ष पश्चात पौधों की 50 प्रतिशत या उससे अधिक उतरजीवितता रहने पर सुरक्षित राशि के साथ साथ 60 रु प्रति पौधे प्रोत्साहन राशि अलग से भुगतान किये जाने का प्रावधान है. पिछले वर्ष गया वन प्रमंडल अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना अंतर्गत लाभुक कृषकों के बीच कुल 2733910 रुपये वितरित किये गये. गया वन प्रमंडल अंतर्गत इस साल 2025 में करीब 22 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए विभिन्न पौधशाला में पौधे तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. इसके लिए सभी विभागों की सहभागिता होगी.

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