गया जी. अस्पताल में सामान्यतः यह नियम होता है कि मरीजों को खाना एजेंसी के कर्मचारी उनके बेड पर ही उपलब्ध कराते हैं. लेकिन एएनएमएमसीएच में मरीजों और उनके परिजनों को खाना लेने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है. मरीजों और परिजनों का कहना है कि न सिर्फ भोजन की गुणवत्ता खराब है, बल्कि पर्याप्त मात्रा में खाना भी नहीं दिया जाता. गरीब मरीजों के लिए मजबूरी में यह खाना ही जीवन का सहारा है. बाराचट्टी के मुंगेश्वर राम ने बताया कि हम गांव के लोग हैं, थोड़ा ज्यादा खाते हैं. यहां तीन दिनों से भर्ती हूं, लेकिन एक दिन भी पेट भरकर खाना नहीं मिला. बाहर से खाना खरीदने की आर्थिक क्षमता भी नहीं है. बेलागंज के भुवनेश्वर प्रसाद ने कहा कि यहां की दाल बहुत पतली होती है, सब्जी भी खाने लायक नहीं रहती. रोटी भी अच्छी नहीं दी जाती और दूध में पानी मिला रहता है. शाम को चाय भी नहीं मिलती, जबकि अन्य अस्पतालों में शाम की चाय और बेहतर खाना भी मिलता है. मरीजों का कहना है कि खाना लेने के लिए लाइन में लगना बेहद तकलीफदेह होता है. इससे मरीजों को गलियारे में आने-जाने में भी दिक्कत होती है. इस संबंध में उपाधीक्षक ने कहा कि मरीजों को बेड पर ही खाना देना अनिवार्य है. लाइन लगाने से मरीजों को परेशानी होती है. जिम्मेदार कर्मचारियों को बेड पर ही मरीजों को खाना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा रहा है.
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