करीब 5-5 किलो था हर बम का वजन
बमों को स्टील के कनस्तर में भरकर जमीन के अंदर आईईडी के रूप में प्लांट किया गया था. हर बम का वजन करीब 5-5 किलो था. बम डिफ्यूजन के दौरान हुई तेज धमाकों की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया. सुरक्षा बलों ने इस कार्रवाई से नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया.
खुफिया सूचना के आधार पर बमों को किया गया निष्क्रिय
इमामगंज एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि नक्सलियों की मंशा सुरक्षा बलों को भारी नुकसान पहुंचाने की थी. इस उद्देश्य से जंगलों में आईईडी लगाए गए थे, लेकिन समय रहते खुफिया सूचना और आधुनिक उपकरणों की मदद से बमों का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया.
इस ऑपरेशन में शामिल थी NIA की टीम
इस ऑपरेशन में पहली बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी शामिल हुई. इनके अलावा इमामगंज एसटीएफ, सीआरपीएफ की 215वीं बटालियन और गया पुलिस ने भी संयुक्त रूप से इस सर्च अभियान को अंजाम दिया.
गौरतलब है कि हाल ही में इसी क्षेत्र से 15 प्रेशर आईईडी और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे. लगातार की जा रही इस तरह की कार्रवाई से नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और उनके मंसूबे बार-बार नाकाम हो रहे हैं.
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