गया. कमर और पीठ दर्द अब केवल उम्र के एक विशेष पड़ाव पर नहीं, बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर आयु वर्ग में आम होती जा रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे मुख्य रूप से शिथिल और असंयमित जीवनशैली जिम्मेदार है. हड्डी, नस और जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव कुमार सिंह (प्रोफेसर, एनएमसीएच; मगध हेल्थ केयर) बताते हैं कि एक रिपोर्ट के अनुसार, कमर दर्द से जुड़ी विकलांगता के लगभग एक-तिहाई मामले व्यावसायिक गतिविधियों, धूम्रपान और अत्यधिक वजन जैसे कारणों से होते हैं.
यह भ्रांति कि कमर दर्द केवल कामकाजी लोगों को होता है
डॉ सिंह के अनुसार, यह सोच कि कमर दर्द केवल कामकाजी लोगों को होता है, एक भ्रांति है. कमर दर्द किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके पीछे उम्र, विटामिन-डी की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी, गलत मुद्रा, या अन्य कारण हो सकते हैं. यदि इसे नजरअंदाज किया गया, तो यह समस्या आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है. हालांकि, समय रहते उचित उपचार से इस पर काबू पाया जा सकता है.
आने वाले वर्षों में हो सकती है गंभीर चुनौती
पीठ और कमर का दर्द आमतौर पर मांसपेशियों, हड्डियों, या स्नायु तंत्र की कमजोरी के कारण होता है. धीरे-धीरे यह समस्या सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकती है. बढ़ती उम्र, शारीरिक निष्क्रियता, और पोषण की कमी जैसे कारण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
पीठ दर्द को समझने के दो संकेत : ””ग्रीन फ्लैग”” और ””रेड फ्लैग””
ग्रीन फ्लैग लक्षण : ऐसे लक्षण जिनका समाधान जीवनशैली में बदलाव, नियमित व्यायाम और सामान्य चिकित्सा से हो सकता है. जैसे- गलत मुद्रा में बैठना या सोना, विटामिन-डी की कमी, उम्र के साथ हड्डियों की कमजोरी.
इन कारणों से होता है पीठ दर्द
मांसपेशियों में खिंचाव
स्पाइनल स्टेनोसिस
किडनी संक्रमण
जीवनशैली में सुधार और सतर्कता जरूरी
डॉ संजीव कुमार सिंह, हड्डी नस व जोड़ रोग विशेषज्ञ, प्रोफेसर एनएमसीएच, मगध हेल्थ केयर
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