लोगों ने थानेदार को कराया अवगत
जमाबंदी कायम होने के बाद अब नहर की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. जब नहर की जमीन पर कब्जा करते कुछ लोगों ने देखा तो उनके द्वारा गंडक विभाग से वरीय अधिकारियों को शिकायत भी की गयी. सारण नहर के अवर प्रमंडल पदाधिकारी ने विशंभरपुर थानेदार को स्थिति से अवगत कराते हुए अवैध तरीके से हो रहे कब्जे को रोकने का आदेश दिया है.
गलत तरीके से की गयी जमीन की बिक्री
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पीठ के समक्ष 20 फरवरी 2023 को लोक प्राधिकार सह कार्यपालक अभियंता, सारण नहर प्रमंडल, गोपालगंज की ओर से उनके प्रतिनिधि द्वारा उपस्थित होकर अपने कार्यालय के प्रतिवेदन, पत्रांक 134 दिनांक 17 फरवरी 2023 के माध्यम से प्रतिवेदित किया गया कि गलत तरीके से 16 जून 2014 को उक्त जमीन की बिक्री कर दी गयी थी.
सीओ को नहीं है जानकारी
तिवारी मटिहनिया में गंडक नहर की जमीन की जमाबंदी करने के मामले में कुचायकोट के सीओ मणि भूषण से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है. अगर ऐसा हुआ होगा, तो तत्काल नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
जमीन की जमाबंदी करनेवालों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में डीएम प्रशांत कुमार सीएच से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि कुचायकोट सीओ के द्वारा गंडक नहर की सरकारी जमीन की जमाबंदी अगर की गयी है, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी. गलत करने वाले चाहे कोई भी होंगे, कार्रवाई तय है.
रजिस्ट्री को रद्द कराने का हो चुका था आदेश
गंडक नहर की जमीन की रजिस्ट्री की बात जब सामने आयी, तो तिवारी मटिहनियां के निवासी अमित कुमार उर्फ विजय ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कोर्ट में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 की धारा 2 के तहत परिवाद दायर किया. सुनवाई के दौरान 20 फरवरी 2023 से लेकर 21 अप्रैल 2023 तक अलग-अलग तिथियों को सुनवाई हुई. इसमें कुचायकोट के सीओ व गंडक नहर विभाग के अभियंताओं की मौजूदगी में जमीन को गंडक नहर का माना गया. साथ ही उसके अवैध कब्जे को हटाने का आदेश दिया. साथ ही रजिस्ट्री के निबंधन को रद्द कराने का आदेश दिया गया था. उस आदेश की प्रति सीओ कुचायकोट को भी भेजी गयी थी. इसके बाद इस जमीन की जमाबंदी कर देना कई गंभीर सवालों को खड़ा कर रहा है.
Also Read: बिहार सरकार को सर्वे में मिली 17.86 लाख एकड़ बेलगानी जमीन, अधिकतर पर है लोगों का कब्जा