
Bihar: बिहार के गोपालगंज ज़िले में पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली को सख्त, जवाबदेह और अनुशासित बनाने की दिशा में एसपी अवधेश दीक्षित ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है. जिले में दर्ज आपराधिक मामलों की समय पर जांच नहीं करने और निर्देशों के बावजूद लगातार लापरवाही बरतने वाले 72 अनुसंधानकर्ताओं (Investigating Officers) का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है.
यह निर्णय केवल विभागीय अनुशासन का सवाल नहीं है, बल्कि यह साफ संकेत है कि अब पुलिस विभाग में निष्क्रियता और शिथिलता की कोई जगह नहीं बचेगी. एसपी दीक्षित का यह कदम पुलिस प्रशासन में जवाबदेही और कार्यसंस्कृति को मजबूती देने की दिशा में एक निर्णायक पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
पीड़ितों को नहीं मिल रहा था समय पर न्याय
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन 72 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे बार-बार चेतावनी देने के बावजूद दर्जनों लंबित मामलों की जांच को टालते रहे. इनकी निष्क्रियता के कारण कई मामलों में पीड़ितों को महीनों से न्याय नहीं मिल पा रहा था, जिससे जनता में नाराजगी भी बढ़ रही थी.
एसपी अवधेश दीक्षित ने स्पष्ट किया कि आम जनता की अपेक्षाएं पुलिस से जुड़ी होती हैं और किसी भी स्तर पर अगर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य से चूकता है, तो उसे माफ नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “अब केवल वर्दी पहनना काफी नहीं है, जिम्मेदार और संवेदनशील होना भी उतना ही जरूरी है.”
थाना प्रभारियों को चेतावनी, लंबित केसों पर शीघ्र कार्रवाई का निर्देश
एसपी दीक्षित ने जिले के सभी थाना प्रभारियों और अनुसंधानकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि वे लंबित मामलों की त्वरित और निष्पक्ष जांच कर निष्पादन सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि अब ‘लापरवाही का कल्चर’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी ऐसे कर्मियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.
Also Read: बंद कमरे में बर्थडे के नाम पर छलकाया जा रहा था जाम, पिस्टल लहराते 15 युवक रंगे हाथ गिरफ्तार
‘डेस्क की नौकरी’ से नहीं चलेगा सिस्टम
इस कार्रवाई के बाद जिले भर के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. कई थानों में अब पुराने केसों की फाइलें दोबारा खोली जा रही हैं और अनुसंधानकर्ताओं को अपने कार्यों की रिपोर्ट नियमित रूप से सौंपने का निर्देश मिला है.