गोपालगंज. परिवहन विभाग के खेल भी निराले हैं. ताजा मामला जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राधाकांत के समक्ष जब आया, तो अधिकारी भी हैरत में पड़ गये. एमवीआइ द्वारा 15 अप्रैल 2024 को बालू लोड वाले ट्रक को जब्त किया गया. ट्रक की तस्वीर ऑनलाइन जुर्माना वाली मशीन में अपलोड की गयी. किसी तरह ट्रक के नंबर डालने के बदले एक पिकअप का नंबर डाल दिया गया. ट्रक चालक अपना ट्रक लेकर चला गया. बाद में परिवहन विभाग से 68,500 रुपये का जुर्माने का नोटिस जब पिकअप के मालिक सुनील कुमार राय को मिला, तो उसके होश उड़ गये.
एक साल से वाहन मालिक के दरवाजे पर है खड़ा
पिकअप का प्रदूषण प्रमाण पत्र व इंश्योरेंस भी फेल हो गया. जब प्रदूषण की जांच कराने गये, तो पता चला कि जब तक जुर्माने की राशि जमा नहीं होगी, तब तक प्रदूषण का चालान नहीं कटेगा. उसी प्रकार इंश्योरेंस भी फेल हो गया. एक साल से वाहन मालिक के दरवाजे पर खड़ा है. बैंक की किस्त जमा नहीं कर पा रहा. जुर्माना हटवाने के लिए महीनों परिवहन विभाग का चक्कर लगाता रहा. डीटीओ से लेकर अन्य अधिकारी उसकी सुनने को तैयार नहीं थे. पिकअप के खड़ा होने से वाहन मालिक की आजीविका भी छिन गयी है. इसे गंभीरता से लेते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने परिवहन विभाग से पूछा कि क्या उसके ऊपर किये गये जुर्माने को माफ करेगा? क्या दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी? डीटीओ के स्तर से क्या कार्रवाई की गयी? क्या दोषी अफसर का तबादला हुआ, तो वहां के डीएम व विभाग को इस लापरवाही की जानकारी दी गयी? अब इस मामले में 16 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है.
एमवीआइ ने ट्रक के बदले पिकअप पर कर दिया जुर्माना
परिवहन विभाग का दावा, गलती से चढ़ गया नंबर
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पीठ के समक्ष डीटीओ ने अपने पत्रांक 360, दिनांक 2 अप्रैल से विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि परिवादी सुनील कुमार द्वारा वाहन पर सुनील कुमार सिंह, तत्कालीन मोटरयान निरीक्षक द्वारा चालान काटने के संबंध में परिवाद दायर किया गया है. 10 जून 23 को तत्कालीन मोटरयान निरीक्षक द्वारा एसएचडी मशीन के माध्यम से शमन की कार्रवाई करने के क्रम में एक ट्रक पर 68,500 रुपये (अड़सठ हजार पांच सौ) रुपये का जुर्माना किया गया, परंतु एसएचडी मशीन में वाहन संख्या अंकित करने के क्रम में भूलवश पिकअप का नंबर अंकित हो गया. इस संबंध में उक्त चालान में संशोधन करने के लिए सक्षम प्राधिकार राज्य परिवहन विभाग, बिहार पटना को पत्र भेजा गया है. आदेश का इंतजार हो रहा है.
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