Gopalganj News: गोपालगंज के सरकारी अस्पताल में सर्पदंश का इंजेक्शन नहीं मिलने से एक युवक की मौत हो गयी. मामला पंचदेवरी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का है, जहां एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं होने के कारण मंगलवार की अहले सुबह सर्पदंश के शिकार एक युवक की मौत हो गयी.
मृतक की पहचान कटेया थाना क्षेत्र के बनकटा गांव निवासी 25 वर्षीय मुन्ना यादव के रूप में हुई है. परिजनों के अनुसार मुन्ना यादव अपने घर में सो रहा था, तभी कोबरा ने उसे पैर के पास डस लिया. आनन-फानन में उसे पंचदेवरी सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने टेटनस का इंजेक्शन देकर उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि सीएचसी में सर्पदंश का आवश्यक एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है.
अगर समय पर एंटी वेनम इंजेक्शन मिल गया होता…
लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान ही मुन्ना की हालत बिगड़ती गयी और सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गयी. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर संतोष कुमार ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर एंटी वेनम इंजेक्शन मिल गया होता, तो उसकी जान बचायी जा सकती थी.
मुन्ना यादव अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था और उसके दो छोटे बच्चे हैं. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की भारी कमी है, जिससे गरीब मरीजों की जान खतरे में है.
बसपा ने की जांच की मांग
बसपा नेता सचिन सिंह ने सदर अस्पताल में पहुंचकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच कराकर अविलंब दोषियों पर कार्रवाई करे. सर्पदंश के मरीज की इंजेक्शन से मौत का मुद्दा पार्टी की ओर से संसद में उठाया जायेगा.
हर तीसरे दिन सांप के डसने से एक की मौत
जिलेभर में सांप के डसने की घटनाओं पर नजर डालें, तो हर तीसरे दिन एक व्यक्ति की मौत सांप के डसने से हो रही है. हर रोज 15 से 20 लोग सांप के डसने से पीड़ित होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. समय पर इलाज नहीं मिलने, अंधविश्वास में पड़कर ओझा-तांत्रिक से झाड़-फूंक कराने के कारण भी कई लोगों की मौत हो जा रही है. बीते एक सप्ताह में फुलवरिया, उचकागांव और पंचदेवरी में दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है.
पर्याप्त मात्रा में है वैक्सीन, होगी जांच : सीएस
सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल से लेकर सभी सामुदायिक और रेफरल अस्पतालों में एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. पंचदेवरी अस्पताल में किस परिस्थिति में मरीज को इंजेक्शन नहीं लगाया गया, इसकी जांच होगी. जिम्मेदार कर्मियों व चिकित्सकों पर कार्रवाई होगी.
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सांप के डसने से मौत पर पांच लाख मुआवजा
सांप डसने से किसी की मौत हुई, तो वन एवं पर्यावरण विभाग पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपये का मुआवजा देगा. वन्य प्राणियों की वजह से हुई मौत के मामले में मुआवजे का प्रावधान है. सरकार ने सांप को वन्य प्राणी की श्रेणी में रखा है. लिहाजा, अगर सांप डसने से मौत के मामले में मुआवजा चाहता है, तो उसे पांच लाख की रकम विभाग की तरफ से दी जाती है.
गोपालगंज में शायद ही किसी परिवार को मुआवजा मिला हो. जिला प्रशासन हो या आपदा विभाग या वन विभाग, किसी ने इसे आज तक गंभीरता से नहीं लिया. लिहाजा पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिलने का मुद्दा कई बार बिहार विधानसभा में उठ चुका है.
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हर साल सांप के डसने से होती है 50,000 लोगों की मौत
दुनिया भर में सांप के डसने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. पिछले साल संसद के मॉनसून सत्र में पड़ोसी जिला सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में यह महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि देश में हर साल सांप के डसने से करीब 50,000 लोगों की मौत होती है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.
रूडी ने बताया कि हर साल पूरे भारत में 30-40 लाख लोगों को सांप डसता है. इनमें बिहार में सर्वाधिक केस सामने आये थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई मौतों को रोका जा सकता है, उन्होंने 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर सांप के डसने की घटनाओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की ओर इशारा किया था.
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25 एंटी वेनम इंजेक्शन लगाने पर युवक की बची जान
बरौली थाने के छोटा बढ़ेया गांव के रहनेवाले छोटेलाल पासवान के पुत्र 18 वर्षीय अभिषेक पासवान को सांप ने डस लिया. सोमवार की देर रात परिजन बेहोशी हालत में उसे सीधे सदर अस्पताल में लेकर पहुंच गये. डॉक्टर ने इलाज शुरू किया और मरीज की जान बचाने के लिए एक के बाद एक 25 इंजेक्शन लगाएं. करीब ढाई से तीन घंटे के बाद मरीज होश में आ गया और उसकी जान बचा ली गयी. हालांकि उसे ऑब्जर्वेशन में रहने की सलाह दी गयी है.
सर्पदंश के बाद क्या करें
- मजबूती से कपड़ा बांध दें.
- मेगापेन, डेक्सोना, एविल का इंजेक्शन लगाकर तत्काल अस्पताल पहुंचें.
- ओझा-गुनी व तांत्रिक के चक्कर में न पड़ें.
- सजगता से बचायी जा सकती है जान.
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