गोपालगंज. गंडक नदी की बाढ़ से बचाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एसडीओ अनिल कुमार ने इंजीनियरों की टीम के साथ निरीक्षण किया. गंडक नदी के बाढ़ पूर्व तैयारियों और संवेदनशील बांधों का निरीक्षण किया गया.
इंजीनियरों को दिये गये कई निर्देश
इस क्रम में एसडीओ द्वारा डुमरिया घाट से बंगरा घाट तक बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा कर इंजीनियरों को निर्देश भी दिये. डुमरिया घाट के 13 वेंट से पानी का बहाव को देख अधिकारियों ने संतुष्टि जतायी. इस दौरान डुमरिया घाट डाउन स्ट्रीम, सल्लेपुर छरकी, टंडसपुर छरकी, सारण तटबंध होते हुए बीएसएफ जमींदारी बांध, सत्तर घाट, महारानी बांध, बंगरा घाट पुल, बैकुंठपुर समेत सभी स्थलों का निरीक्षण किया गया.
जलनिकासी की व्यवस्था को सुचारु करने का निर्देश
इस दौरान बाढ़ नियंत्रण संबंधी सभी मुद्दों यथा सीपेज को चिह्नित कर मरम्मत कार्य, सुभेद्य क्षेत्र की मरम्मत, सभी चिह्नित संवेदनशील स्थलों पर जियो बैग की व्यवस्था, डुमरिया एवं बंगरा पुल के सभी स्पैन से जलनिकासी की सुचारु रूप से व्यवस्था करने का निर्देश दिये गये. निरीक्षण के क्रम में एसडीओ के साथ बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार, कार्यपालक अभियंता आरसीडी प्रमंडल एवं सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदि मौजूद रहे.
डुमरिया में वेंट के बहाव रुकने से होती थी तबाही
डुमरिया पुल के नीचे 13 वेंट में से महज पांच से ही नदी का बहाव होता था. बाकी में सिल्ट के जमा होने के कारण नदी का पानी खींचने में दिक्कत होती थी. इससे यूपी के अहिरौली दान से डुमरिया घाट तक बांधों पर दबाव बढ़ जाता था. इससे कई बार बांध टूटे हैं. इस बार डुमरिया पुल के सभी पायों से पानी के बहने से विभाग राहत में है.
बाढ़ से बैकुंठपुर में मचती है सर्वाधिक तबाही
गंडक नदी के बाढ़ का सर्वाधिक खतरा बैकुंठपुर के इलाके में होता है. बैकुंठपुर पर जलसंसाधन विभाग का विशेष फोकस है. बचाव कार्यों को पूरा कर लिया गया है. एसडीओ ने लगातार मॉनीटरिंग करने का निदेश दिया है.
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