गोपालगंज. सावन में गंडक नदी की लहरें दियारे के लोगों की धड़कनें बढ़ा रही हैं. नदी अभी अपने बेसिन एरिया में बह रही है. नदी का जल स्तर 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक होने पर नदी व बांध के बीच रहने वाले लगभग 43 गांवों में बाढ़ का पानी फैल जाता है.
नदी का मिजाज कटाव के लिए खतरनाक
माना जाता है कि आषाढ़ से आश्विन तक नदी तक नदी की तबाही लोगों को झेलना पड़ता है. इस बार सावन में नदी का जल स्तर 1.23 लाख क्यूसेक पर पहुंचा है. उसके बाद नदी का जल स्तर 80 हजार क्यूसेक के नीचे बह रही है, जिससे नदी का मिजाज कटाव के लिए खतरनाक माना जाता है. ऊपर से पुरवा हवा लगातार लहरों को झकझोर रही है.
वाल्मीकिनगर बराज से नदी में डिस्चार्ज 69200 क्यूसेक रहा
पुरवा हवा को पाकर लहरें कटाव के लिए और भी खतरनाक मानी जाती है. इस बार दीपऊ-पकड़ी बांध पर कटाव शुरू के दिनों में ही होने लगा था. जबकि विशुनपुर- अहिरौली दान बांध के भसही के पास कटाव शुरू हो गया था. इसे समय रहते जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने काबू पा लिया. अब यहां लगातार निगरानी की जा रही है. इंजीनियरों की टीम यहां हाइ अलर्ट मोड में है. वाल्मीकिनगर बराज से नदी में डिस्चार्ज 69200 क्यूसेक रहा. पिछले 24 घंटे में नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी होने से विशंभरपुर में नदी खतरे के निशान से 20 सेमी बढ़कर 91 सेमी नीचे बह रही थी. जबकि डुमरिया में 24 सेमी नीचे थी. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने जिले के सभी तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है.
निमुईया में तटबंध कटाव का बीडीओ व सीओ ने किया निरीक्षण
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