बता दें कि इसके लिए पंचायत के सभी मुखिया, वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच, आशा कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जिसमें सभी गांव के तीस-तीस घरों की जिम्मेदारी वार्ड सदस्य व पंच को दी गयी है. उक्त घरों की निगरानी प्रतिनिधियों द्वारा की जायेगी. बाहर निकलने पर उन्हें घर में रहने के लिए जागरूक किया जायेगा. इसके लिए विभिन्न पंचायतों में जाकर प्रतिनिधियों से मिलकर लोगों को घर में रहने के लिए जागरूक करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों से घरों में रहने के लिए कहा गया है. निश्चित समय पर वह आवश्यक वस्तुएं खरीद सकते हैं. गोपालगंज के डीएम अरशद अजीज, एसपी मनोज कुमार तिवारी तक सभी लोगों से लगातार घरों में रहने की अपील कर रहे हैं. इसके बावजूद लोग सड़कों पर निकल रहे और आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है. भारतीय दंड संहिता में मौजूद कई धाराओं में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर छह माह तक कारावास और जुर्माना तथा दोनों के दंड का प्रावधान है.
प्रशासन के अनुसार आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून में पर्याप्त प्रावधान है. भारतीय दंड संहिता की धारा 268 से लेकर 271 में लोक स्वास्थ्य सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसी प्रकार धारा-272 में कानून में विक्रय के लिए खाद्य व पेय में अपमिश्रण, धारा-266 व 267 में मुनाफाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है.