बरौली. बरौली बाजार में जाम की समस्या अब एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है. सुबह से लेकर देर रात तक बाजार की संकरी गलियों में फंसे वाहन और राहगीर आम दृश्य बन चुके हैं. खासकर शादी-ब्याह के मौसम में तो हालात और बिगड़ जाते हैं. दूल्हा अपनी ससुराल कब पहुंचेगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. बरौली बाजार से यदि कोई व्यक्ति आसानी से निकल गया तो मानिए वह बेहद खुशकिस्मत है. यह स्थिति किसी एक दिन की नहीं बल्कि हर दिन की कहानी है. बाजार की सड़कों पर शाम होते ही ठेले, खोमचे, चाट-समोसे और आम बेचने वाले बेतरतीब तरीके से सज जाते हैं. इनके ग्राहकों की बाइक और भीड़ से पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है. सड़क के दोनों ओर सेंट्रल बैंक से लेकर बाजार के अंतिम छोर तक अतिक्रमण ने स्थिति को और विकट बना दिया है. स्थायी दुकानदार पहले ही सड़क की आधी जगह घेर चुके हैं, ऊपर से अस्थायी ठेले वालों के कारण बची सड़क भी पूरी तरह अवरुद्ध हो जाती है. जाम में फंसे लोगों के बीच मामूली टकराव पर विवाद आम हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत को सख्ती दिखानी होगी. अतिक्रमण हटाना, दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करना और शहर से गुजरने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक रूट तय करना बेहद जरूरी है. साथ ही रोड मैप बनाकर उसे लागू करना ही एकमात्र समाधान है जिससे बरौली बाजार को इस रोजाना की परेशानी से निजात मिल सकती है.
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