जमुई. एनडीए का गढ़ माने जाने वाली जमुई सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के टिकट पर चिराग पासवान के बहनोई अरुण कुमार भारतीय पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे. इसके पहले उन्होंने किसी भी प्रकार के चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. हालांकि वे लंबे समय से लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े जरूर रहे, लेकिन निर्वाचन की प्रक्रिया में उनका नाम कभी भी शामिल नहीं किया गया. ऐसे में पहली बार जमुई में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे अरुण कुमार भारती के लिए यह सीट एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आयी थी. नामांकन से पहले अरुण कुमार भारती प्रत्यक्ष रूप से जाना पहचाना चेहरा नहीं थे. जब चिराग पासवान ने जमुई सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया, तब ऐसे में लोजपा (आर) के कई अलग-अलग नेताओं के नाम की चर्चा की जा रही थी. हालांकि उस दौरान अरुण कुमार का नाम चर्चा में आया था और आखिरकार चिराग पासवान ने इस पर मोहर भी लगायी तथा अरुण कुमार भारती जमुई सीट से लोजपा (आर) के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने चले आये. पहली बार चुनाव लड़ रहे अरुण कुमार भारती के लिए यह मुकाबला कांटे की टक्कर का मुकाबला लग रहा था. राष्ट्रीय जनता दल ने यहां से स्थानीय प्रत्याशी के रूप में अर्चना कुमारी को मैदान में उतार दिया और अपनी पूरी ताकत झोंक दी. लेकिन अरुण कुमार भारती के लिए जमुई सीट का गणित कुछ ऐसा बैठा कि पहले ही प्रयास में वह लोकसभा पहुंच गये. गौरतलब है कि अर्चना कुमारी भी पहली बार चुनाव लड़ रही थी.
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