जमुई. बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पटना के निर्देशानुसार गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय के समस्त न्यायिक पदाधिकारी गण नशा मुक्ति को लेकर संकल्प भी लिया गया. मादक द्रव्यों एवं हानिकारक नशीली दवाओं को अपने जीवन में कभी भी इस्तेमाल न करने तथा अपने मित्र परिजनों के बीच नशे के दुष्प्रभाव को प्रचारित एवं उपयोग न करने के संबंध में जानकारी एवं जागरूक करने का शपथ लिया गया. मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेँद्र कुमार सिंह ने कहा कि युवा वर्ग में नशीली दवा व मादक पदार्थ का उपयोग आज चिंता का विषय बन गया है. मादक पदार्थ हमारे शरीर और आत्मा को खोखला कर देती है तथा हमारे सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है. इससे हम सबों को बचने की आवश्यकता है और जो इसके शिकार हो गये हैं उनका उचित रिहैबिलिटेशन व इलाज करना आवश्यक है ताकि उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके. प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन ने कहा कि देखा गया है कि हमारे युवा पीढ़ी बहुत जल्द ही निराशा की शिकार हो जा रहा है और अपना रूख इन मादक पदार्थों की तरफ कर रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य का और नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि नशा से पीड़ित व्यक्तियों को लेकर नालसा की ओर से युनिट प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्थापित की गई है जो मादक पदार्थों से पीड़ित लोगों के इलाज रिहैबिलिटेशन तथा इसके गलत व्यापार करना वालों को चिन्हित करने तथा उसके रोकथाम के संबंध में है.
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