झाझा . सैंकड़ों गांवों को शहर से जोड़ने वाले बरमसिया पुल पर आवागमन बाधित होने से छात्र-छात्राओं से लेकर व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गयी है . स्थानीय लोगों ने सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है. सोमवार को दर्जनों गांवों के सैंकड़ों छात्र- छात्राएं जब नियत समय पर पढ़ने के लिए शहर की ओर आये तो बरमसिया पुल पर दीवार देख नदी के उस पार ही खड़े रह गये. कुछ स्थानीय लोगों के साहस जुटाने के बाद दीवार फांदकर शहर की ओर आना शुरू कर दिया. इस दौरान कक्षा छह से लेकर स्नातक तक के छात्र-छात्राओं को दीवार फांदकर शहर की ओर आना पड़ा. छात्र दीपक कुमार, विशाल कुमार, दिनेश कुमार, कहकाशा परवीन, महजबीन, मो मुमताज, रेखा कुमारी आदि छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमलोग प्रत्येक दिन पढ़ने के लिए बालिका उच्चतर विद्यालय, महात्मा गांधी उच्चतर विद्यालय, देवसुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय के अलावा निजी कोचिंग संस्थान पढ़ने के लिए आते हैं. रविवार छुट्टी रहने के कारण हमलोग को पता नहीं चल पाया. लेकिन सोमवार को जब हमलोग नियत समय पर तैयार होकर विद्यालय के लिए घर से निकले तो बरमसिया पुल पर बड़ी दीवार देखी. हमलोगों के सामने विद्यालय आने की एक समस्या हो गई. कुछ साथियों के सहयोग से हमलोग दीवार फांदकर बरमसिया पुल पार कर शहर आये हैं. इसके अलावा प्रत्येक दिन व्यापार से जुड़े लोगों को भी शहर आने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इसके लेकर व्यापारी वर्ग भी सकते में है. प्रत्येक दिन शहर में व्यापार करने वाले नरेश यादव, मो इजरायल, सत्येंद्र ठाकुर आदि ने बताया कि हमलोगों को प्रत्येक दिन अपना दूध या अन्य कारोबार के लिए घर से निकलकर शहर आना पड़ता है. बरमसिया पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण प्रशासन ने बरमसिया पुल के दोनों तरफ पांच फीट की दीवार खड़ी कर दी है. अब हमलोगों को शहर आने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारी वर्ग के लोगों ने बताया है कि यदि हमलोग प्रत्येक दिन शहर नहीं आएंगे तो हमलोग का रोजी रोजगार बंद हो जायेगा और परिवार का भरण -पोषण में मुश्किलें होंगी. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के अलावा स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग किया कि जब तक कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाए ,तब तक हमलोग की सुविधा के लिए आवागमन बहाल किया जाए. ताकि हमलोगों का कारोबार अच्छे से चल सके.
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