Home बिहार जमुई तिरंगा हमारी आन, बान व शान है, जबकि भगवा हमारी पहचान

तिरंगा हमारी आन, बान व शान है, जबकि भगवा हमारी पहचान

0
तिरंगा हमारी आन, बान व शान है, जबकि भगवा हमारी पहचान

बरहट. सच्ची श्रद्धा और अटूट संकल्प के आगे कोई राह कठिन नहीं होती है. इसी को चरितार्थ कर रहे हैं नवादा के तीन युवक, जो स्केटिंग के सहारे चार धाम व 12 ज्योतिर्लिंग की लंबी आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े हैं. इनका उद्देश्य सिर्फ बाबा भोलेनाथ का दर्शन ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म को करीब से समझना और देशभर में उसकी महिमा को महसूस करना है.

स्केटिंग से तय करेंगे हजारों किलोमीटर का सफर

श्रद्धालु आर्य यश, पिता ईश्वरीय यादव, कौआकोल, नवादा, लकी कुमार पिता पंकज कुमार, कुम्मरामा, नवादा, सागर महतो निवासी कोडरमा, झारखंड निवासी तीनों युवकों ने बताया कि खुद ही स्केटिंग सीखी और बिना किसी विशेष साधन-सुविधा के इस यात्रा निकल पड़े हैं. इन्होंने बीते मंगलवार को नवादा से स्केटिंग करते हुए यात्रा की शुरुआत की और गुरुवार को सुल्तानगंज पहुंचकर उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरने के बाद बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हो जायेंगे.

बाबा बैद्यनाथ से होगी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

तीनों युवक ने बताया कि बाबा बैद्यनाथ के जलाभिषेक के बाद हम काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ, द्वारिका धाम, रामेश्वरम सहित 12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम की यात्रा करेंगे. इस यात्रा के दौरान तीनों तिरंगा और भगवा झंडा कंधे पर लेकर चल रहे हैं. उनका कहना है कि तिरंगा हमारी आन, बान और शान है, जबकि भगवा हमारी पहचान.

लक्ष्य दो साल में पूरी भारत यात्रा का

युवाओं ने बताया कि वे अगले डेढ़ से दो वर्षों के भीतर संपूर्ण भारत भ्रमण कर चारों धाम और 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करेंगे. इस यात्रा का उद्देश्य जहां एक ओर बाबा भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करना है, वहीं दूसरी ओर वे सोशल मीडिया क्रिएटर बनकर अपने अनुभवों से युवाओं को प्रेरित करना भी चाहते हैं.

मंदिरों में रुकते हैं, लोगों से मिलता है सहयोग

तीनों ने बताया कि रात को किसी मंदिर या धर्मशाला में रूकगें और स्थानीय लोगों से सहयोग में भोजन-पानी प्राप्त कर आगे बढ़ते रहेंगे. यात्रा के दौरान तीनों जय श्री राम और बाबा एक सहारा है के नारे लगाते हुए धार्मिक वातावरण को जीवंत बना रहे थे.

स्थानीय लोगों ने किया स्वागत, दी शुभकामनाएं

स्थानीय लोगों ने तीनों युवकों का स्वागत किया और इस अनोखी यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं. लोगों ने इसे एक नई पहल बताते हुए कहा कि ऐसे प्रयास युवाओं को अध्यात्म और संस्कृति से जोड़ने का काम करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version