सिकंदरा. सावन माह में सिकंदरा के रास्ते देवघर जाने वाले कांवरियों की आवाजाही तेज हो चुकी है, लेकिन सिकंदरा मुख्य चौक पर मार्ग सूचक बोर्ड न होने से कांवरिया वाहनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विदित हो कि सिकंदरा मुख्य चौक चार मुख्य मार्ग से जुड़ा है. ऐसे में चौराहे पर मार्ग सूचक बोर्ड नहीं होने के कारण कांवरियों का वाहन भटक कर गंतव्य से इतर किसी अन्य मार्ग में चला जाता है. हालांकि दिन के समय में कांवरिया वाहन के चालक लोगों से रास्ता पूछ कर गंतव्य की ओर निकल जाते हैं. लेकिन रात्रि 10:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक चौक सुनसान रहता है, और तब मार्ग बताने वाला कोई व्यक्ति भी वहां नहीं रहता है. इस स्थिति में कांवरियों के वाहन भ्रमित होकर कई बार गलत दिशा में चले जाते हैं, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी होती है. यह समस्या भले ही दिखने में छोटी हो, लेकिन इसका असर व्यापक और गंभीर है. देवघर, सुल्तानगंज, गया, राजगीर एवं पटना जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और शहरी मार्गों का जुड़ाव इस चौक से होने के कारण यहां एक स्थायी मार्गदर्शक बैनर या सूचक बोर्ड लगाना बेहद आवश्यक हो गया है. विदित हो कि पूर्व में प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन और नगर प्रशासन के द्वारा श्रावणी मेला के लिए विशेष तैयारी की जाती थी. इस दौरान मुख्य सड़क को अतिक्रमण से बचा कर कांवरिया वाहनों के सुरक्षित पासिंग के लिए भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मुख्य सड़क के किनारे बांस से बैरिकेडिंग की जाती थी. वहीं चाय-नाश्ता, भोजन समेत आवश्यक भोजन सामग्रियों का रेट चार्ट निर्धारित कर जारी किया जाता था, ताकि कांवरियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. वहीं मुख्य चौक पर देवघर, सुल्तानगंज, गया, राजगीर और पटना के मार्ग को प्रदर्शित करने वाला मार्ग सूचक बोर्ड भी लगाया जाता था. लेकिन इस बार मुख्य चौक स्थित पुलिस फांड़ी में स्वास्थ्य शिविर खोल कर श्रावणी मेला की तैयारियों का कोरम पूरा कर लिया गया.
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