जमुई. मतगणना की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. मंगलवार सुबह 8:00 बजे से केकेएम कॉलेज में जमुई लोकसभा सीट के लिा पड़े मतों की गिनती शुरू हो जायेगी. पहला रुझान आने में लगभग एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगेगा. वहीं फाइनल परिणाम आने में 10 से 12 घंटे का समय लग सकता है. मतगणना के लिए विधानसभा वार 14-14 टेबल लगाये गये हैं. मतगणना को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाये रखने के लिये जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा कुल 107 अधिकारियों को मतगणना कक्ष के भीतर और बाहर प्रतिनियुक्ति किया गया है. जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी राकेश कुमार ने सोमवार को लगातार केकेएम कॉलेज में कैंपेन किया. इस दौरान उन्होंने मतगणना को लेकर कई तरह के दिशा-निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि मतगणना कक्ष के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस वालों को तैनात किया गया है. प्रत्याशी व मतगणना अभिकर्ता को लेकर अलग जबकि प्रशासन, प्रेक्षक, मीडिया समेत अन्य लोगों के लिए अलग प्रवेश बनाया गया है. मतगणना केंद्र के अंदर ही मीडिया सेंटर भी बनाया गया है. जहां से रुझान की पल-पल की जानकारी दी जायेगी. उन्होंने बताया कि ईवीएम की काउंटिंग के साथ-साथ पोस्टल बैलेट की भी काउंटिंग की जायेगी.
सीसीटीवी कैमरे की रहेगी निगरानी:
मतगणना के लिए लगाये जायेंगे 1100 से भी अधिक कर्मी:
बताते चलें कि इस बार लोकसभा चुनाव की मतगणना को लेकर बड़ी संख्या में मतगणना कर्मी सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मियों को लगाया जायेगा.एक और दो जून को कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया. पहले दिन 609 जबकि दूसरे दिन 540 मतगणना सहायक, सुपरवाइजर एवं माइक्रो आब्जर्वर को ट्रेनिंग दी गयी थी. सभी 6 विधानसभा को मिलाकर कुल 1150 से भी अधिक कर्मियों को मतगणना के कार्य में लगाया जायेगा.
विजय जुलूस निकालने व सभा पर होगी रोक:
ईवीएम से पहले डाक मतों की होगी गणना:
गौरतलब है कि डाक मतपत्र की गणना ईवीएम से पहले की जायेगी. डाक मत पत्रों की गिनती के करीब 30 मिनट बाद ईवीएम से मतगणना प्रारंभ की जायेगी. पोस्टल बैलेट की गणना ईवीएम के वोटों की गिनती के अंतिम चरण के पूर्व पूर्ण नहीं होती है, तो पोस्टल बैलट की गणना के समाप्त होने के बाद ही अंतिम चरण की गणना की जायेगी. निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार केवल सही पोस्टल बैलट पेपर की ही गणना की जायेगी. अगर जीत-हार का अंतर पोस्टल बैलट पेपर की संख्या से कम होगा तो मत पत्रों की दोबारा मतगणना करायी जायेगी, लेकिन अगर यह अंतर पोस्टल बैलेट की संख्या से अधिक होगा तब ऐसा नहीं किया जायेगा.
एनडीए के लिए सीट बचाना, तो आरजेडी के सामने जगह बनाने की है चुनौती:
चाहे किसी की हो जीत, पहली बार पहुंचेंगे लोकसभा:
जमुई लोकसभा सीट इस चुनाव में काफी सुर्खियों में बना रहा. इसके पीछे की वजह यह रही कि एलजेपी (आर) प्रमुख चिराग पासवान यहां से पिछले दो लोकसभा चुनाव से जीतते रहे. इस बार उन्होंने जमुई सीट छोड़कर हाजीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया और तभी से यह सीट सुर्खियों में बना रहा है. कयासों और संभावनाओं के बीच आखिरकार चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण कुमार भारती को यहां से चुनाव मैदान में उतारा. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल ने भी जमुई सीट के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कई नाम की चर्चाओं के बीच तेजस्वी यादव ने स्थानीय प्रत्याशी के रूप में अर्चना कुमारी को टिकट दिया और पूरे चुनाव राजद ने इस लड़ाई को स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई बताकर लोगों से मतदान की अपील की थी. स्थानीय होने के कारण जमुई में कांटे की टक्कर की संभावना बढ़ गयी थी, ऐसे में जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा. इसके लिए 12 घंटे का इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन एक बात साफ है कि चाहे इस सीट से आरजेडी या एनडीए किसी के उम्मीदवार की जीत होती है, ये तय है कि वे पहली बार लोकसभा का सफर पूरा करेंगे. गौरतलब है कि अरुण कुमार भारती ने भी अपने चुनावी सफर की शुरुआत जमुई से ही की है, तो वहीं अर्चना कुमारी ने भी पहली बार ही चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही है. इसके अलावा इस सीट से और भी जितने उम्मीदवार मैदान में हैं उनमें से भी कोई कभी लोकसभा का सदस्य नहीं रहा है.
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