जहानाबाद सदर. शहर के अरवल मोड़ के पास सुबह होते ही फुटपाथी दुकानदार अपनी-अपनी दुकान को सड़क किनारे ही सजा लेते हैं जिससे हादसा होने की संभावना बनी रहती है. अरवल मोड़ पर तीखी मोड़ है, फिर भी फुटपाथी दुकानदार अपनी दुकान सजाने से बाज नहीं आते हैं. स्टेशन से आने वाली बस जब अरवल मोड़ के पास तीखी मोड़ पर मुड़ती है, तो उस समय काफी भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाती है. बस को मुड़ने में भीड़ की वजह से काफी परेशानी होती है. ट्रैफिक पुलिस भी दोनों ओर से वाहन को रोकता है तब जाकर बस मुड़ती है हालांकि गोलंबर रहने की वजह से बस धीमा गति में ही मुड़ती है फिर भी अगर ब्रेक फेल हो जाये, तो मोड़ पर बड़ा हादसा भी घटित हो सकती है. कारण है कि जिस जगह पर मोड़ है, उसके पास में ही जहां-तहां फुटपाथी दुकानदार अपनी-अपनी दुकान सजा लेते हैं जिसकी वजह से ग्राहक भी सड़क पर खड़े होकर फलों की खरीदारी करते रहते हैं. वैसी स्थिति में अगर बस या ट्रक का ब्रेक फेल हो जाती है तो बड़ा हादसा भी घटित हो सकता है. नब्बे के दशक में घटित हो चुकी है बड़ी घटना : शहर के अरवल मोड़ के पास नब्बे के दशक में एक बड़ी घटना भी घटित हो चुकी है. नब्बे के दशक में अरवल मोड़ के पास अनियंत्रित ट्रक ने फल विक्रेताओं की भीड़ में घुस गया था जिसमें घटनास्थल पर ही नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी थी. हालांकि उस समय मोड़ पर गोलंबर नहीं था, बाद में प्रशासन घटना के बाद मोड़ पर छोटा गोलंबर का निर्माण कर दिया तथा ट्रैफिक पुलिस को अस्थायी रूप से गोलंबर पर प्रतिनियुक्ति कर दिया गया. यही नहीं, हादसा के बाद फल बिक्रेताओं के आगे प्रशासन द्वारा पक्का बैरिकेडिंग भी कर दिया गया है और बैरिकेडिंग के अंदर ही फल बिक्रेताओं को फल बेचने का प्रशासन द्वारा आदेश भी दिया गया था लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि तीखी मोड़ रहने के बाद भी छोटे-छोटे फल विक्रेता ठेला एवं अपनी दुकान को सड़क किनारे ही बैरिकेडिंग के बाहर सजा दे रहे हैं जिससे हादसा होने की संभावना हमेशा बनी रहती है.
संबंधित खबर
और खबरें